मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

जोधपुर/नागौर नागौर पुलिस की कार्यप्रणाली से हाईकोर्ट नाराज



जोधपुर/नागौर नागौर पुलिस की कार्यप्रणाली से हाईकोर्ट नाराज

 high court angry on nagaur police work procedure



राजस्थान उच्च न्यायालय ने आठ वर्ष पूर्व धोखाधड़ी से फर्जी दस्तावेज के आधार पर करोड़ों की भूमि हड़पने के मामले में सीआईडी (सीबी) द्वारा जानबूझकर विलम्ब करने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए गबन सेल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार गुप्ता को तलब किया है। न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि नागौर पुलिस न्यायालय के आदेश की प्रति तथा न्यायालय में खुद की रिपोर्ट पेश करने के बावजूद जानबूझकर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में परिवादी की याचिका पर न्यायालय को आश्वस्त किया गया था कि मामले की सम्पूर्ण जांच पूरी कर ली गई है तथा तत्कालीन तहसीलदार जयहिंद चारण, भूअभिलेख निरीक्षक रमेश ओझा, तत्कालीन पटवारी रामनिवास चौधरी सहित 9 अभियुक्तों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 467, 468, 420, 120-बी में चालान पेश किया जा रहा है। आरोपी विधायक हबीबुर्रहमान के विरुद्ध जांच पेंडिंग रखी है। फिर भी वर्षों से आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करना पुलिस की आरोपियों से नरमी जाहिर कर रही है।

दूसरी तरफ भूअभिलेख अधिकारी रमेश ओझा की तरफ से याचिका दायर कर प्रथम सूचना रिपोर्ट को र² करने का अनुरोध किया गया। उच्च न्यायालय ने कहा कि 8 साल से जांच पूरी कर एक तरफ पुलिस बार-बार चालान पेश करने के लिए समय मांग रही है, दूसरी तरफ आरोपी न्यायालय में रिपोर्ट को ही र² कराने 8 वर्ष बाद पहुंच रहे हैं। उनका यह कहना कि उन्हें मामले की जानकारी अब तक नहीं थी। उच्च न्यायालय ने मामले को गंभीर मानते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी (सीबी) नागौर को मंगलवार को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।

यह था मामला

उल्लेखनीय है कि परिवादी मोहम्मद अयूब ने 11 नवम्बर 2007 को कोतवाली नागौर में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट विधायक हबीबुर्रहमान व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी भागीदारी फर्म में घाटा होने के बाद आरोपी फर्म से अलग हो गए तथा अपने राजनीतिक दबाव से उनकी फर्म को आवंटित दो एकड़ भूमि को षडयंत्र कर अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने परिवार के नाम परिवर्तित कराकर उनके साथ धोखाधड़ी की है। पुलिस ने जांच कर विधायक को छोड़कर सभी को आरोपी मानकर न्यायालय में चालान पेश करने का इंतजार कर रही है।

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