हत्या के आरोप में चार और गिरफ्तार, एसएचओ को भेजा फोर्स लीव पर
अजमेर चोरी के शक में चौकीदार की पीट-पीट कर हत्या करने और जलाने के आरोप में रामगंज थाना पुलिस ने शुक्रवार को मुख्य आरोपित सहित चार जनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को शेष आरोपितों की तलाश है। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल का बेटा भी शामिल है। अनुसंधान में लापरवाही के आरोप में पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह चौधरी ने रामगंज थानाप्रभारी उपअधीक्षक नानूराम मीणा को फोर्स लीव पर भेज दिया है।
चंद्रवरदाई नगर निवासी ओमप्रकाश गत 21 मार्च को लापता हो गया। उसके परिजन ने गुमशुदगी दर्ज करा दी। परिजन का आरोप है कि रामगंज थाना पुलिस ने सुनवाई करने की बजाए उनके साथ ही अभद्रता की। परिजन ने रामगंज थाने पर प्रदर्शन किया और एसपी चौधरी के समक्ष उपस्थित होकर प्रकरण की निष्पक्ष सुनवाई की मांग की।
इसके बाद एसपी ने प्रकरण की जांच सहायक पुलिस अधीक्षक गौरव यादव को सौंप दी। यादव ने जिला पुलिस की स्पेशल टीम के एएसआई विजय सिंह, जगमाल, प्रवीण, मनोज, बाबूसिंह की मदद से यह पता लगा लिया की आेमप्रकाश मुख्य आरोपित मन्नू उर्फ मुन्ना उर्फ मनोज के मकान के निकट एक निर्माणधीन मकान पर चौकीदारी करता था।
मन्नू को संदेह था कि कुछ दिन पहले उसके मकान से चोरी हुए लेपटॉप और मोबाइल में ओमप्रकाश का हाथ है। गत 22 मार्च को मन्नू शराब के नशे में उसके साथी प्रीतम, राजा, मनीष, प्रेमचंद तथा अन्य के साथ ओमप्रकाश के पास गया। उन्होंने ओमप्रकाश को जबरन मोटरसाइकिल पर बैठाया और पुष्कर के नांद गांव में स्थित मन्नू के फार्म हाउस ले जाने लगे। आरोपितों ने पहले रेलवे स्टेशन और फिर आगरा गेट पर ओमप्रकाश के साथ मारपीट की।
फार्म हाउस पहुंचने के बाद सभी आरोपित ओमप्रकाश पर पिल पड़े। लात घूंसो से वह ओमप्रकाश को तब तक पीटते रहे। जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। अगले दिन 23 मार्च की तड़के जब मन्नू यह कह कर फार्म हाउस से रवाना हुआ कि वह ओमप्रकाश के लिए डॉक्टर को लेकर आ रहा है। अहमदाबाद स्थित जमालपुरा का रहने वाला राजा उर्फ शेख मुद्दसर हुसैन और कोटड़ा निवासी प्रीतम फार्म हाउस पर ही रह गए। प्रीतम मन्नू का नौकर है। शेष आरोपित भी किसी ना किसी काम से वहां से रवाना हो गए। उनके जाने के कुछ देर बाद जब राजा और प्रीतम ने ओमप्रकाश को होश में लाने का प्रयास किया। इसी दौरान उन्हें पता चला कि आेमप्रकाश की मौत हो गई।
राजा ने तुरंत मन्नू को फोन करके ओमप्रकाश की मौत की जानकारी दी। यह सुनकर मन्नू व अन्य आरोपितों के हाथ पैर फूल गए। मन्नू को राजा ने कहा कि वह लाश को ठिकाने लगा देगा। राजा ने प्रीतम के साथ मिलकर लकडियां, पेट्रोल और शक्कर एकत्र की। राजा और प्रीतम ने ओमप्रकाश के शव को लकडियों पर लिटाया और शक्कर व पेट्रोल डालकर आग लगा दी। आग लगाने के बाद आरोपितों ने शव के टुकड़े करके सीमेंट के दो कट्टों में डाला और पुष्कर रोड स्थित बाड़ी नदी में लाकर फेंक दिए। पुलिस ने प्रीतम की तस्दीक पर अवशेष बरामद कर लिए है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें