बीकानेर पति की हत्या के मामले में दोषी पाई महिला को किशोर न्याय बोर्ड ने अजब सजा सुनाई है। गुरुवार को बोर्ड ने फैसला सुनाया कि दोषी महिला को अगले 20 साल तक मरीजों की सेवा करनी होगी। इस फैसले को अपराधी को सजा की बजाए रचनात्मक सुधार पर जोर देने वाला माना जा रहा है।
प्रकरण के अनुसार करीब 11 साल पहले जब महिला नाबालिग थी, उस पर उसके पति की हत्या का आरोप लगा था। तब से ये मामला कोर्ट में चल रहा था। घटना के समय महिला नाबालिग थी, एेसे में किशोर न्याय बोर्ड ने उसे दोषी मानते हुए फैसला सुनाया।
किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट जगेन्द्रकुमार अग्रवाल ने फैसले में कहा कि महिला को तय स्वास्थ्य उप केंद्र में बीस साल तक रोजाना दो घंटे मरीजों की सेवा और परिसर में सफाई करनी होगी।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए। यह मामला अपराधी के जेठ के पर्चा बयान पर 28 जून 2004 को दर्ज किया गया था।
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