जयपुर।राजस्थान में खुलेआम घूम रहे हैं 133 कैदी
प्रदेशभर की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था में सुराख कर भागे 133 खतरनाक कैदियों को राज्य पुलिस पिछले दस साल से तलाश रही है, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है।
जानकारी के अनुसार पिछले दस साल में प्रदेशभर की जेलों से 324 कैदी पैरोल और अन्य किसी प्रकार से जेल का बंधन तोड़कर भाग निकले, इनमें से पुलिस ने 191 को पकडऩे में सफलता पाई है, जबकि 133 कैदी अभी भी फरार हैं। प्रदेश में सात सेंट्रल जेल, 33 जिला जेल और 108 सब कारागार हैं। इनमें बीस हजार से अधिक बंदी सजा काट रहे हैं।
2009 में भागे थे 51 कैदी
वर्ष 2009 में प्रदेश की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर 51 कैदी भाग निकले, जिसमें से 35 को तो पुलिस ने फिर से दबोच लिया, लेकिन 16 की अब भी तलाश की जा रही है। वहीं गत वर्ष 35 कैदी भागे थे, इनमें से 14 को वापस पकड़ा गया, 21 कैदियों को पकडऩे के प्रयास जारी हैं।
संसाधन भी फेल
जेलों में कैदियों पर निगरानी रखने के लिए वॉच टावर, दूरबीन के अलावा कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही यहां पुलिस और आरएसी का भी पहरा है।
कैदियों तक पहुंचने वाले सामान की जांच के लिए एनएलजेडी, मेटल डिटेक्टर, हैंड मेटल डिटेक्टर, बैग स्केनर सहित अन्य प्रकार के उपकरणों का प्रयोग होता है। वहीं मोबाइल का उपयोग रोकने के लिए थ्री जी और अब फोर जी जैमर लगाए गए हैं। फिर भी कैदी जेल प्रशासन को चकमा दे भागने में सफल हो रहे हैं।
सबसे ज्यादा भागते हैं पैरोल वाले कैदी
भागे गए इन कैदियों में से अधिकांश पैराल के दौरान भागने वाले हैं। इनको पकडऩे के लिए जेल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बंदी पेशी पर लाने-ले जाने के दौरान और कुछ जेल से ही भाग छूटते हैं।
जेल से भागे कैदियों को तलाशने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कैदियों के भागने के मामलों में थोड़ी कमी आई है। पिछले दस साल से 133 कैदी फरार चल रहे हैं। पैरोल पर जाने के बाद बड़ी संख्या में कैदी वापस नहीं लौटते हैं।
भूपेंद्र दक, एडीजी, कारागार, जयपुर
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