बाड़मेर जिला कलेक्टर द्वारा झंडारोहण के साथ तिलवाड़ा पशु मेला शुरू
ओम प्रकाश सोनी
बालोतरा उपखंड के तिलवाड़ा गांव में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले
प्रसिद्ध ओर ख्याती प्राप्त मल्लीनाथ पषु मेले का आज विधिवत शुभारंभ हुआ।
यह पषु मेला हिंदी महिने ष्चेत्र के साथ शुरू होने के कारण देष भर में
चे़त्री मेले के नाम से जाना जाता है। मेले के शुभारंभ के अवसर पर
परम्परा के अनुसार जिला कलेक्टर मधुसुधन शर्मा ने ध्वजारोहण किया। बाद
में जिला कलेक्टर शर्मा ने मेले की व्यवस्थाओ का जायजा लेकर पषु पालन
विभाग के अधिकारियो को मेले में आने वाले पषु पालको की समस्याओ को तुरंत
निस्तारित करने के निर्देष दिये।
पषु पालन विभाग द्वारा आयोजित होने वाले इस मेले मे देष भर से पषु पालक
भाग लेने के लिये आए है। विषेष रूप से यह मेला मालाणी नस्ल के अष्व की
खरीद फरोख्त के लिये देष भर में ख्याती प्राप्त है। मेले में उन्नत नस्ल
के घोड़ो को खरीदने के लिये समुचे देष से व्यापारी आते है। मेला करीब
पन्द्रह दिन तक चलता है। चेत्री एकादषी से लेकर आगामी एकादषी तक मेले में
चहल पहल रहती है। मेले का आयोजन तिलवाड़ा गांव के निकट मरू गंगा लुणी नदी
की तलहटी में होता हैं। मेले में इस बार प्रषासन ओर पषुपालन विभाग द्वारा
पषुओ ओर पषु पालको के लिये पेयजल की माकूल व्यवस्थाएं की गई है। मेले में
रविवार की शाम तक 1200 गो वंष, 1800 उट ओर 1500 घोड़ो सहित 4500 पषु आ
चुके है। पषुओ के आने का क्रम जारी है। मेले के दोरान पषुओ के लिये
विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ का भी आयोजन होगा। मेला अधिकारी
बी.आर.जेदियां ने बताया के मेले में 18 मार्च को बैल ओर उटो की
प्रतियोगिताए ओर 19 मार्च को घोड़ो की प्रतियोगिताए होगी। 20 मार्च को
पुरूस्कार वितरण समारोह का आयोजन होगा। मेले में लगने वाले हाट बाजार भी
मेले में आने वाले लोगो के आकर्षण का केन्द्र है।
प्रसिद्ध ओर ख्याती प्राप्त मल्लीनाथ पषु मेले का आज विधिवत शुभारंभ हुआ।
यह पषु मेला हिंदी महिने ष्चेत्र के साथ शुरू होने के कारण देष भर में
चे़त्री मेले के नाम से जाना जाता है। मेले के शुभारंभ के अवसर पर
परम्परा के अनुसार जिला कलेक्टर मधुसुधन शर्मा ने ध्वजारोहण किया। बाद
में जिला कलेक्टर शर्मा ने मेले की व्यवस्थाओ का जायजा लेकर पषु पालन
विभाग के अधिकारियो को मेले में आने वाले पषु पालको की समस्याओ को तुरंत
निस्तारित करने के निर्देष दिये।
पषु पालन विभाग द्वारा आयोजित होने वाले इस मेले मे देष भर से पषु पालक
भाग लेने के लिये आए है। विषेष रूप से यह मेला मालाणी नस्ल के अष्व की
खरीद फरोख्त के लिये देष भर में ख्याती प्राप्त है। मेले में उन्नत नस्ल
के घोड़ो को खरीदने के लिये समुचे देष से व्यापारी आते है। मेला करीब
पन्द्रह दिन तक चलता है। चेत्री एकादषी से लेकर आगामी एकादषी तक मेले में
चहल पहल रहती है। मेले का आयोजन तिलवाड़ा गांव के निकट मरू गंगा लुणी नदी
की तलहटी में होता हैं। मेले में इस बार प्रषासन ओर पषुपालन विभाग द्वारा
पषुओ ओर पषु पालको के लिये पेयजल की माकूल व्यवस्थाएं की गई है। मेले में
रविवार की शाम तक 1200 गो वंष, 1800 उट ओर 1500 घोड़ो सहित 4500 पषु आ
चुके है। पषुओ के आने का क्रम जारी है। मेले के दोरान पषुओ के लिये
विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ का भी आयोजन होगा। मेला अधिकारी
बी.आर.जेदियां ने बताया के मेले में 18 मार्च को बैल ओर उटो की
प्रतियोगिताए ओर 19 मार्च को घोड़ो की प्रतियोगिताए होगी। 20 मार्च को
पुरूस्कार वितरण समारोह का आयोजन होगा। मेले में लगने वाले हाट बाजार भी
मेले में आने वाले लोगो के आकर्षण का केन्द्र है।
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