देहरादून। सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को बाहूबली नेता और पूर्व सांसद डी पी यादव को
विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले, यादव ने विशेष अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
यादव के वकील रूपेंद्र भंडारी ने बताया कि जस्टिस अमित कुमार की अदालत में यादव के आत्मसमर्पण के बाद उन्हें देहरादून की जेल भेज दिया गया। 28 फरवरी को स्वास्थ्य कारणों से अदालत में पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया था।
डी पी यादव के अलावा इस हत्याकांड में पाल सिंह, करण यादव और प्रनीत भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307 और 120बी के तहत दोषी करार दिया गया था। उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के दादरी से विधायक महेंद्र सिंह भाटी की दिसंबर 1992 में दादरी रेलवे क्रॉसिंग के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस हत्याकांड मे डीपी यादव सहित सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। जांच के दौरान तीन लोगो की मौत हो गई थी। हालांकि, यादव के उत्तर प्रदेश का प्रभावशाली नेता होने कारण और जांच सही ढंग से नहीं होने के आरोप चलते 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई अदालत को सौंप दिया था। -
विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले, यादव ने विशेष अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
यादव के वकील रूपेंद्र भंडारी ने बताया कि जस्टिस अमित कुमार की अदालत में यादव के आत्मसमर्पण के बाद उन्हें देहरादून की जेल भेज दिया गया। 28 फरवरी को स्वास्थ्य कारणों से अदालत में पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया था।
डी पी यादव के अलावा इस हत्याकांड में पाल सिंह, करण यादव और प्रनीत भारती को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307 और 120बी के तहत दोषी करार दिया गया था। उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के दादरी से विधायक महेंद्र सिंह भाटी की दिसंबर 1992 में दादरी रेलवे क्रॉसिंग के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस हत्याकांड मे डीपी यादव सहित सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। जांच के दौरान तीन लोगो की मौत हो गई थी। हालांकि, यादव के उत्तर प्रदेश का प्रभावशाली नेता होने कारण और जांच सही ढंग से नहीं होने के आरोप चलते 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई अदालत को सौंप दिया था। -
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