भीलवाड़ा
बनेड़ा क्षेत्र के निम्बाहेड़ा कलां गांव में महिला को डायन (ऊपरी हवा का प्रकोप) बताकर ससुराल पक्ष ने चिमटे से दागा ही नहीं बल्कि मारपीट कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया। महिला की हालत बिगडऩे पर सोमवार देर रात उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित पति, सास, ननद व देवर को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। चारों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
थाना प्रभारी राजेन्द्रसिंह ने बताया कि निम्बाहेड़ा कलां में महिला को रविवार देर रात पति रफीक, सास सम्भो, ननद मेराज व देवर असलम ने ऊपरी हवा को भगाने की बात कहते हुए गर्म चिमटे से पीठ और पेट पर कई जगह दागा। उसके चिल्लाने पर आरोपितों ने उसके साथ मारपीट की। कई जगह दागे जाने से पीडि़ता की हालत बिगड़ गई।
ले गए धर्मस्थल पर
दागने के बाद आरोपित महिला को जंगल में स्थित धर्मस्थल पर ले गए,जहां उसे बैठा दिया गया। उसका चेहरा चुन्नी से ढक दिया गया। दर्द से कहराती पीडि़ता घुंघट में आंसू बहाती रही, लेकिन आरोपितों ने उसे वहां से उठने नहीं दिया। इस दौरान वहां कई लोग मौजूद थे।
मौका पाकर भाई को किया कॉल
सोमवार सुबह आरोपितों के इधर-उधर होने पर मौका पाकर पीडि़ता ने किसी का मोबाइल लेकर अपने भाई को फोन कर दिया। मोबाइल पर वह महज उसे जल्द आने के अलावा कुछ नहीं कह पाई। इससे पीहर पक्ष हरकत में आ गया। कई लोग वाहन लेकर उसके ससुराल पहुंचे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। तलाशते हुए दोपहर में धर्मस्थल पर पहुंच गए।
जाने नहीं दिया पास
पीहर पक्ष वहां पहुंचा तो ससुराल पक्ष ने ऊपरी हवा बताते हुए उसे बैठे रहने देने की सलाह दी। कुछ देर तक पीडि़ता का भाई बैठा रहा, लेकिन उसे कुछ ठीक नहीं लगा। वह पीडि़ता को वाहन में बैठाकर पीहर ले आया।
तब तक पीडि़ता ने भाई को गर्म चिमटे से दागने की बात नहीं बताई। सोमवार रात को पीडि़ता ने भाई को इसके बारे में बताया। हालत बिगडऩे पर उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय भर्ती कराया गया। सूचना पर देर रात बनेड़ा थाना पुलिस वहां पहुंची और पीडि़ता के बयान दर्ज किए।
आठ साल पहले हुआ विवाह
पीडि़ता का आठ साल पूर्व रफीक से विवाह हुआ। उसके डेढ़ साल का पुत्र भी है। लम्बे समय से उसे डायन बताकर परेशान कर रहे थे। कई बार मारपीट भी की गई, जिससे ससुराल चली आई, लेकिन पीहर पक्ष ने समझाइश कर उसे वापस भेज दिया। मारपीट से उसकी आंख पर गहरी चोट आई है तथा चेहरा सूज गया है।
बैरक में मां-बेटी गुत्थमगुत्था
बहू को डायन कहकर प्रताडि़त कर चिमटे से जलाने वाली सास और ननद के बीच मंगलवार देर रात जिला कारागार में खूनी संघर्ष हो गया। महिला बैरक में बंद बेटी ने मां पर हमला कर दिया, जिससे जेल में आधी रात को हंगामा खड़ा हो गया। दोनों को छुड़ाने गई अन्य महिला बंदी भी लहूलुहान हो गई। मां-बेटी को महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जबकि तीन अन्य महिला बंदियों का प्राथमिक उपचार किया गया।
जेल उपाधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि निम्बाहेड़ा कलां निवासी सम्भो व उसकी बेटी मेराज को शाम को जेल लाया गया। महिला बैरक मंे मां-बेटी बंद थे। रात ग्यारह बजे मेराज ने वहां सो रही सम्भो पर हमला कर दिया। उसके बाल पकड़ कर दीवार पर पटकने लगी तथा वहां रखी झाडु से मारने लगी। यह देख बैरक में सो रही अन्य महिला बंदी बचाने आई, लेकिन मेराज ने सभी को पछाड़ दिया। उसने अन्य महिला बंदियों की भी पिटाई कर दी।
बैरक में बंद 13 महिला बंदियों में से 11 उसे काबू में नहीं कर पा रही थी। इस दौरान दो महिला कांस्टेबल भी बचाव में दौड़ी। बैरक में हंगामा सुनकर अन्य प्रहरी दौड़कर आए। इस दौरान जेल उपाधीक्षक मालीवाल भी वहां पहुंच गई। बमुश्किल मेराज को अलग गया, लेकिन तब तक दोनों लहूलुहान हो गई। इस सम्बंध में जिला कलक्टर रविकुमार सुरपुर और पुलिस अधीक्षक हेमंत शर्मा को हालात से अवगत कराया गया।
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