शुक्रवार, 20 मार्च 2015

राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से किया जवाब तलब

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने भारी वाहनों के फिटनेस के लिए निजी सेंटर खोलने की अनुमति देने के बाद परिवहन विभाग में भी इसकी सुविधा देने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की एकलपीठ ने यह आदेश मैसर्स राजधानी फिटनेस सेंटर की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

rajasthan-highcourt-summons-government-for-fitness-and-usage-of-heavy-vehicles-65465

याचिका में अधिवक्ता हनुमान चोधरी ने अदालत को बताया की परिवहन विभाग ने 2011 में फिजा-2011 के तहत वाहन फिटनेस जांच केन्द्र योजना आरंभ की थी। जिसमें निजी क्षेत्र में जांच केन्द्र आरंभ किए गए। जिन शहरों में निजी केन्द्र खुलने थे वहां के परिवहन कार्यालयों में ऐसी जांच नहीं करने का प्रावधान किया गया। याचिका में कहा गया कि इसके चलते याचिकाकर्ता ने करीब सवा करोड़ रुपए की मशीने लगाकर जांच केन्द्र आरंभ किया।



वहीं सितंबर 2013 में पूर्व में नियम में शिथिलता देते हुए परिहवन कार्यालयों में भी जांच करने की छूट दी गई। याचिका में कहा गया कि तकनीकी कारणों से निजी केन्द्रों को वाहन का सभी करों के भुगतान होने के संबंध में एनओजी होने पर ही फिटनेस टेस्ट किया जाता है, लेकिन परिवहन कार्यालयों पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते याचिकाकर्ता के केन्द्र पर वाहन फिटनेस के लिए नहीं आते। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

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