बुधवार, 11 मार्च 2015

नीतीश ने जीता विश्वास मत



राजद, कांग्रेस, भाकपा और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से नीतीश कुमार ने आज बिहार विधानसभा से भाजपा सदस्यों के बहिर्गमन के बीच आसानी से विश्वासमत हासिल कर लिया। सत्ता पक्ष की ओर से जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुरोध पर विश्वासमत का फैसला लॉबी डिवीजन के जरिए कराए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदन के भीतर घोषणा की कि विश्वासमत के पक्ष में कुल 140 मत और विरोध में शून्य मत पड़े।

विश्वास मत के पहले ध्वनिमत से पारित कराए जाने के बाद सत्ता पक्ष की ओर से लॉबी डिवीजन के जरिए इसका फैसला किए जाने के बार-बार अनुरोध पर अध्यक्ष ने लॉबी डिवीजन कराए जाने की घोषणा की। लॉबी डिवीजन के दौरान मांझी को छोड़कर जदयू के सभी बागी विधायक व्हीप का उल्लंघन करने के कारण सदस्यता रद्द होने के बचने के लिए पंक्ति में खड़े होकर नीतीश सरकार के पक्ष में मतदान किया। इससे पूर्व विश्वासमत पर नीतीश कुमार के जवाब के दौरान ही विरोध करते हुए भाजपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए थे और उन्होंने लॉबी डिवीजन में भाग नहीं लिया।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 117 के जादुई आंकड़े की दरकार थी। इसकी 10 सीट वर्तमान में रिक्त हैं। बिहार विधानमंडल के समवेत सत्र में आज राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के अभिभाषण और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के विश्वास मत हासिल करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सदन से अनुपस्थित रहे।

मांझी ने पत्र लिखकर विधानसभा सचिवालय से जानना चाहा है कि उन्हें असंबद्ध सदस्य घोषित किए जाने के बाद उन पर व्हिप कैसे लागू होगा। गत सात फरवरी को मांझी के स्थान पर नीतीश को जदयू विधायक दल का नया नेता चुनने तथा नीतीश द्वारा सरकार बनाए जाने का दावा पेश करने पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने मांझी को 20 फरवरी को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। लेकिन ऐसा करने के बजाय उन्होंने उसी दिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

मांझी के इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल ने नीतीश को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और गत 22 फरवरी को नीतीश चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने आज विश्वास मत हासिल किया और बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने उन्हें सदन का नेता घोषित किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें