फसल खराबा: सदमे से 9 किसानों की मौत, दो ने की खुदकुशी
बूंदी
केशवरायपाटन थाना क्षेत्र के लाडपुर गांव में ओलावृष्टि से बर्बाद किसान प्रेमशंकर मीणा (19) ने शनिवार को फंदा लगाकर जान दे दी।
बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि में फसल की बर्बादी को देखने के बाद हाड़ौती में अब तक 11 किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा बूंदी में पांच, बारां व कोटा में तीन-तीन किसान शामिल हैं। आत्महत्या का यह दूसरा प्रकरण है। कोटा जिले के रामनगर के किसान ने भी जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। बाकी सभी की मौत सदमे से हुई है।
पुलिस एवं परिजनों के अनुसार प्रेमशंकर ने गांव में 25 बीघा भूमि ज्वाराकाश्त पर ले रखी थी। इसमें गेहूं की बुवाई की थी। गत दिनों हुई ओलावृष्टि से सारी फसल तबाह हो गई।
फसल के लिए उधार ली रकम चुकाने को लेकर वह तनावग्रस्त था। सुबह वह अपने घर से चारा लेने जाने की बात कहकर रस्सी साथ लेकर घर से निकला था। गांव के ही एक व्यक्ति ने उसका शव पेड़ पर झूलता देखा तो परिजनों को सूचना दी।
क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान
बीते दिनों हुई ओलावृष्टि से कोटा संभाग के कोटा और बूंदी जिले के किसानों को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा। फसल खराबा होने के बाद से किसान अपने नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
राहत का इंतजार कर रहे किसानों को असमय हुए नुकसान से गहरा धक्का पहुंचा है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां अब तक प्रशासन और राजनेता नहीं पहुंचे हैं। यहां के किसानों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
सोनिया-वसुंधरा भी पहुंचीं
बेमौसम हुई बरसात से फसलों के नष्ट होने के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत केन्द्र और राज्य के सभी प्रमुख नेता हाल जानने के लिए कोटा और बूंदी जिले के दौरे पर पहुंचे, लेकिन सदमे से जान देने वाले किसानों की सुध किसी ने नहीं ली।
परिजनों को सांत्वना
बूढ़ादीत थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी किसान विनोद के परिजनों को सांत्वना देने के लिए शनिवार को सांसद ओम बिरला व पीपल्दा विधायक विद्याशंकर नंदवाना पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बारां, बूंदी जिले में मृतक किसानों के घर कोई भी सुध लेने नहीं पहुंचा।
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