पाकिस्तान की तीन अलग-अलग जेलों में बुधवार को हत्या के चार दोषियों को फांसी दे दी गई। 'डॉन' ऑनलाइन के अनुसार, अब्दुल रज्जाक चौहान और जलाल मोरेजो को सिंध प्रांत के सुक्कुर केंद्रीय कारागार-1 में फांसी दे दी गई।
चौहान ने एक छात्र आफताब मेरानी की हत्या कर दी थी। 2003 में चौहान को इस मामले में मृत्युदंड सुनाया गया था। मोरेजो को 1997 में एक व्यक्ति की हत्या का दोषी पाया गया था और 2000 में उसे मृत्युदंड सुनाया गया था।
मृत्युदंड का सामना कर रहे एक अन्य दोषी शाहबाज अली को पंजाब प्रांत के शाहीवाल केंद्रीय कारागार में फांसी दे दी गई। अली ने 1998 में जमीन विवाद में सात साल के एक बच्चों की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
चौथे दोषी गुलाम यासीन को पंजाब प्रांत के केंद्रीय कारागार बहावलपुर में फांसी दे दी गई। उसे 2002 में दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया गया था। कोई 8,000 कैदियों को देश के विभिन्न जेलों में अभी फांसी दिया जाना शेष है।
गौरतलब है कि पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में 16 दिसंबर, 2014 को हुए आतंकवादी हमले के बाद सरकार ने अगले ही दिन आतंकवादी हमले के संबंध में मृत्युदंड पर लगाई गई रोक हटा दी थी। इसके बाद सरकार ने सभी अपराध के मामलों में मृत्युदंड पर लगाई रोक हटाने का फैसला किया था।
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