बाड़मेर हारी बाज़ी जीतने में जुटी बीजेपी ,पांचवी बार पुनर्गणना
प्रशासन पर कांग्रेस के दबाव में करने का आरोप लगाया सांसद ने
बाड़मेर सरहदी जिले चुनाव इतिहास की सबसे लम्बी मतगणना का रिकार्ड कायम हो गया ,गुरुवार प्रातः छ बजे शुरू हुई गणना शुक्रवार समाचार लिखे जाने तक चल रहा हैं। जिला परिषद की सीट ३७ पर पांचवी बार गणना कराई जा रही हैं ,बीजेपी के नेता कांग्रेस प्रत्यासी के संतुष्ट ,पांचवी बार भी सोनाराम चौधरी ने जिला प्रशासन पर निष्पक्ष चुनाव नहीं करने और दबाव में गणना का दिया जिसे जिला निर्वाचन से ख़ारिज कर दिया। कांग्रेस के पूर्व सांसद हरीश चौधरी और बीजेपी के संसद कर्नल सोनाराम आमने सामने हो गए। इस वार्ड से बीजेपी की नीमला और कांग्रेस की गोपी देवी के बीच रोचक मुकाबला हुआ ,प्रथम बार निर्मल को अठाईसवोट से विजेता घोषित किया ,कांग्रेस ने पुनर मांग पर दूसरी बार गणना में गोपी कांग्रेस सतरह वोट से जीती ,फिर बीजेपी ने प्रोटेस्ट किया फिर फॉर गोपी ,जीती फिर उठाये फिर गणना हुई फिर गोपी जीती ,पांचवी बार बीजेपी के मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप करा प्रशासन पर दबाव बनाया इसके बावजूद फिर गोपी जीती , बीजेपी के पास यह एक मात्र आरक्षित महिला उम्मीदवार हे ,जिस पर उसे प्रमुख बनंने का दाव क्यूंकि बीजेपी के बाकी सरे आरक्षित सीट वाले चुनाव हार गए ,बीजेपी की साख चुनाव वैसे ही नीलाम हो चुकी हे , इस सीट को खोने का मतलब बीजेपी प्रमुख रेस से बाहर ,क्यूंकि बीजेपी के पास अनुसूचित जाती का महिला उम्मीदवार ही नहीं जो जीत के आया हो।
प्रशासन पर कांग्रेस के दबाव में करने का आरोप लगाया सांसद ने
बाड़मेर सरहदी जिले चुनाव इतिहास की सबसे लम्बी मतगणना का रिकार्ड कायम हो गया ,गुरुवार प्रातः छ बजे शुरू हुई गणना शुक्रवार समाचार लिखे जाने तक चल रहा हैं। जिला परिषद की सीट ३७ पर पांचवी बार गणना कराई जा रही हैं ,बीजेपी के नेता कांग्रेस प्रत्यासी के संतुष्ट ,पांचवी बार भी सोनाराम चौधरी ने जिला प्रशासन पर निष्पक्ष चुनाव नहीं करने और दबाव में गणना का दिया जिसे जिला निर्वाचन से ख़ारिज कर दिया। कांग्रेस के पूर्व सांसद हरीश चौधरी और बीजेपी के संसद कर्नल सोनाराम आमने सामने हो गए। इस वार्ड से बीजेपी की नीमला और कांग्रेस की गोपी देवी के बीच रोचक मुकाबला हुआ ,प्रथम बार निर्मल को अठाईसवोट से विजेता घोषित किया ,कांग्रेस ने पुनर मांग पर दूसरी बार गणना में गोपी कांग्रेस सतरह वोट से जीती ,फिर बीजेपी ने प्रोटेस्ट किया फिर फॉर गोपी ,जीती फिर उठाये फिर गणना हुई फिर गोपी जीती ,पांचवी बार बीजेपी के मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप करा प्रशासन पर दबाव बनाया इसके बावजूद फिर गोपी जीती , बीजेपी के पास यह एक मात्र आरक्षित महिला उम्मीदवार हे ,जिस पर उसे प्रमुख बनंने का दाव क्यूंकि बीजेपी के बाकी सरे आरक्षित सीट वाले चुनाव हार गए ,बीजेपी की साख चुनाव वैसे ही नीलाम हो चुकी हे , इस सीट को खोने का मतलब बीजेपी प्रमुख रेस से बाहर ,क्यूंकि बीजेपी के पास अनुसूचित जाती का महिला उम्मीदवार ही नहीं जो जीत के आया हो।
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