सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

बाड़मेर की टीम ने राज्य स्तर पर जिले का नाम रोशन किया - जोशी

बाड़मेर की टीम ने राज्य स्तर पर जिले का नाम रोशन किया - जोशी
बाड़मेर:- बाड़मेर की टीम ने राज्य स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है यह उद्गार जिला शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा बाड़मेर ने सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा में आयोजित राज्य स्तरीय जीवन कौशल बाल विकास मेले मे भाग लेकर लौटी बाड़मेर जिले के विजेता बच्चों की टीम का स्वागत करते हुए कही । उन्होने कहा कि पिछले दो वर्षों से बाड़मेर जिले के बच्चे इस मेले में आवो गीत गायें प्रतियोगिता में व क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करते रहे है । इस बार बाड़मेर जिले की टीम ने वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, भूमि का निर्वहन (रोल प्ले) में दूसरा स्थान व आओ चित्र बनायें में दूसरा स्थान प्राप्त कर बाड़मेर जिले का गौरव बढ़ाया है । राज्य स्तरीय जीवन कौशल बाल विकास मेले में जाने वाले दल का नेतृत्व राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मेगवालों की बस्ती बाड़मेर आगोर के प्रधानाध्यापक गोपीकिशन शर्मा ने किया । इनके ही विद्यालय के छात्रों ने वाद विवाद प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान, भूमि का निर्वहन (रोल प्ले) में दूसरा स्थान व आओ चित्र बनायें में दूसरा स्थान प्राप्त किया । यह बाड़मेर जिले के लिये सौभाग्य की बात है । ऐसे मेलों से बालक बालिकाओं में अन्तर्निहित प्रतिभाओं को उजागार करने का अवसर मिलता है । बच्चों में उत्साहवर्द्धन होता है । उनमें आत्मविश्वास का संचार होता है । इस राज्य स्तरीय दल में अध्यापिका लक्ष्मी चौधरी, अमृत जैन व देविका शर्मा भी शामिल थे । बालिका जानकी जो कि वाद विवाद प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर प्रथम आई है उसका कहना है कि वह जीवन में पहली बार बाड़मेर जिले से बाहर विद्यालय के कार्यक्रम में गई। मैने घरेलू कार्यों में माता पिता का समान दायित्व विषय पर पक्ष में अपने विचार व्यक्त किये । मुझे बहुत ही अच्छा लगा । ऐसा लग रहा है कि जीवन में कोई भी कार्य अंसभव नहीं है । अगर किसी कार्य को पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी व मेहनत से किया जाये तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है । ऐसा मुझे महसूस हो रहा है । भूमिका निर्वहन में हितेश मंसुरिया, नपेश मंसूरिया, हेमलता मंसूरिया व उर्मिला चैहान तथा आओ चित्र बनायें में विजेता छात्रा गायत्री मंसूरिया भी बहुत उत्साहित नजर आ रहे थे । अध्यापिका लक्ष्मी चैधरी का कहना है कि ऐसे मेलों मंे जाने से बालक को बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है और उनमें समूह में रहकर कार्य करने की भावना का संचारा होता है ।

अध्यापिका देविका शर्मा ने बताया कि इस मेले में विभिन्न कला कौशलों के माध्यम से जीवन जीने का कौशल सीखने का अवसर मिलता है । अध्यापक अमृत जैन का कहना है कि राज्य स्तर पर राज्य के विभिन्न जिलों से आए बालक बालिकाओं का परस्पर परिचय होना और क्षैत्रीय विभिन्नता का परिचय भी प्राप्त होता है ।






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