बिजली बिलों में जुड़ा फ्यूल सरचार्ज
लोग शिकायतें लेकर पहुंच रहे डिस्कॉम कार्यालय
पाली. बिजली दरों में बढ़ोतरी कर पहले ही झटका दे चुके डिस्कॉम ने चुपके से एक और भार उपभोक्ताओं पर लाद दिया है। ये राशि फ्यूल सरचार्ज के नाम से वसूली जाएगी। इस बार उपभोक्ताओं को मिले बिजली के बिल के अन्य कॉलम में यह राशि जुड़ कर आई है। बिल राशि सामान्य से अधिक आने पर कई उपभोक्ताओं ने डिस्कॉम कार्यालय में शिकायतें भी की।
विद्युत विनियामक आयोग पहले ही बिजली के बिलों में 95 पैसे प्रति यूनिट का भार लाद चुका है। अब बिजली उत्पादन की दर बढऩे का सीधा भार घरेलू उपभोक्ताओं पर लादा गया है, जिसे फ्यलू सरचार्ज नाम दिया जाता है। हालांकि अब से पहले तक यह बड़े औद्योगिक संगठनों से ही वसूला जाता रहा है।
इस बार बिजली उत्पादन के काम में आने वाले ईंधन का परिवहन खर्च बढऩे के कारण फ्यूल सरचार्ज के नाम पर प्रति उपभोक्ता न्यूनतम सौ रुपए का भार पड़ेगा।
इस प्रकार होती है गणना
किसी उपभोक्ता के वित्तीय वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में जो रीडिंग आई है उस पर 10 पैसे प्रति यूनिट, चौथी तिमाही की रीडिंग पर 4 पैसे प्रति यूनिट और वित्तीय वर्ष 2014-15 की प्रथम तिमाही की कुल यूनिट के अनुसार 17 पैसे प्रति यूनिट से गणना की जाएगी। इस प्रकार 9 माह के बिल में उपभोक्ता द्वारा जो यूनिट उपभोग की गई है, उस पर कुल 31 पैसे प्रति यूनिट का भार लादा गया है।
यह है फ्यूल सरचार्ज
बिजली उत्पादन के लिए कोयले और डीजल की आवश्यकता होती है, लेकिन इस ईंधन के परिवहन की लागत अधिक आने के कारण ये फ्यूल सरचार्ज उपभोक्ताओं पर लादा जाता है। जोधपुर डिस्कॉम के सभी जिलों में यह सरचार्ज कुछ दिनों पहले जो बिल वितरित हुए हैं, उनमें घरेलू उपभोक्ताओं पर लादा गया है।
किया है निर्णय
डिस्कॉम स्तर पर फ्यूल सरचार्ज लगाने का निर्णय किया गया है। इस बार घरेलू उपभोक्ताओं पर यह भार लगाया गया है। बिजली उत्पादन के उपयोग में आने वाली सामग्री का परिवहन महंगा होने के कारण यह भार बढ़ाया गया है।
जी.एस चौहान
अधीक्षण अभियंता, जोधपुर डिस्कॉम, पाली
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