पारस के पत्थर के बारे में आपने अक्सर सुना होगा जो कोई उसे छू ले सोना बन जाता है।
ये तो नहीं पता इस कहवात में कितनी सत्यता हैं लेकिन एक झील ऐसी जरूर है जिसे छूने पर हर चीज पत्थर बन जाती है।
जी हां, उत्तरी तंजानिया की नेट्रान लेक ऐसी झील है जिसे छूने पर हर चीज पत्थर बन जाती है।
एक वेबसाइट के अनुसार, फोटोग्राफर निक ब्रांड्ट जब उत्तरी तंजानिया की नेट्रान लेक की तटरेखा पर पहुंचे तो वहां के दृश्य ने उन्हें चौंका दिया।
झील के किनारे जगह-जगह पशु-पक्षियों के स्टैच्यू नजर आए। वे स्टैच्यू असली मृत पक्षियों के थे। दरअसल झील के पानी में जाने वाले पशु-पक्षी कुछ ही देर में कैल्सिफाइड होकर पत्थर बन जाते हैं।
ब्रांड्ट ने अपनी नई फोटो बुक में लिखा है, 'कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता है की ये कैसे मरे पर लगता है कि लेक की अत्यधिक रिफ्लेक्टिव नेचर ने उन्हें दिग्भ्रमित किया फलस्वरूप वे सब पानी में गिर गए।Ó
वो लिखते है 'पानी में नमक और सोडा की मात्रा बहुत ज्यादा है, इतनी ज्यादा कि इसने मेरी कोडक फिल्म बॉक्स की स्याही को कुछ ही सेकंड में जमा दिया।Ó
पानी में सोडा और नमक की ज्यादा मात्रा इन पक्षियों के मृत शरीर को सुरक्षित रखती है। झील के इस पानी में अल्कलाइन का स्तर पीएच9 से पीएच 10.5 है, यानी अमोनिया जितना अल्कलाइन।
लेक का तापमान भी 60 डिग्री तक पहुंच जाता है। पानी में वह तत्व भी पाया गया जो ज्वालामुखी की राख में होता है। इस तत्व का प्रयोग मिस्रवासी ममियों को सुरक्षित करने के लिए रखते थे।
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