गुरुवार से होलाष्टक की शुरुआत हो गई है, जो 5 मार्च तक चलेंगे। इस दौरान शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे। ज्योतिषीय दृष्टि से होली के आठ दिन पूर्व होलाष्टक रहते हैं।
इनमें शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। इन दिनों में अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहू ग्रह उग्र रूप में रहते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार ग्रहों की इन अवस्थाओं में मांगलिक कार्य करना वर्जित बताया गया है। इन आठ दिनों में आम आदमी के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां रहती हैं।
5 मार्च के बाद 7 मार्च, 9 मार्च व 10 मार्च को सावे रहेंगे। इसके बाद 15 मार्च से 14 अप्रेल तक मीन मलमास के चलते मांगलिक कार्यों पर एक बार फिर से विराम लग जाएगा। 21 अप्रेल के सात रेखीय सावे का साथ पुनः शुभ कार्य शुरू होंगे।
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