नव वर्ष के स्वागत का हम सभी को इंतजार है। यह साल हम लोगों के लिए कैसा रहेगा, यह जानने को हम सबकी उत्सुकता बनी हुई है। इसके लिए हमने ज्योतिष, अंक ज्योतिष व लाल किताब के जाने-माने विशेषज्ञों से आपका भविष्य जानने की कोशिश की है। साथ ही देश का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य क्या रहेगा, इसका भी आकलन करने की कोशिश की है। कल आपने मेष से कन्या राशि तक अपना भविष्य जाना, शेष राशियों का भविष्य आज पढ़ें...
तुला - (23 सितंबर-23 अक्तूबर)
आपकी राशि का स्वामी शुक्र मकर राशि में मंगल के साथ चतुर्थ भाव में विराजमान है। चतुर्थ भाव का स्वामी शनि द्वितीय स्थान में बैठकर अपने भाव को तृतीय दृष्टि से देख रहा है। हालांकि साढ़े साती उतर रही है। अत: ग्रहों का यह संयोग बेहतर फलदायी रहेगा। संपत्ति में वृद्धि होगी। किराए के मकान में रहने वालों के लिए शुभ समय रहेगा। वे लोग इस वर्ष अपने भवन में रहने लगेंगे। परिवार में सुख-शांति रहेगी। नौकरी में कार्यरत जनों के लिए स्थान परिवर्तन की संभावना है। अनियोजित खर्च बढेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। उच्च शिक्षा व शोध आदि कार्यों में सफल रहेंगे। 16 मार्च से 2 अगस्त के बीच संतान सुख में वृद्धि होगी। 5 जुलाई के पश्चात आय में वृद्धि होगी।
क्या करें
प्रतिदिन दूध में चुटकी भर हल्दी डालकर सेवन करें।
प्रतिदिन रात्रि में सोने से पूर्व हाथ व पैरों के नाखूनों पर सरसों का तेल लगाएं।
वृहस्पतिवार के दिन गाय को बेसन का लड्ड खिलाएं। प्रतिदिन प्रात: सूर्य की ओर मुंह करके जल अर्पित करें।
लाल किताब के उपाय
मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन योग और ध्यान नियमित रूप से करें।
15 जुलाई के बाद पीले रंग के कपड़े पहनें।
नंगे पैर मंदिर/गुरुद्वारे जाकर अपनी गलतियों की माफी मांगें।
वृश्चिक - (24 अक्तूबर-21 नवंबर)
आपकी राशि का स्वामी मंगल वर्षारंभ में अपनी उच्च राशि में शुक्र के साथ तृतीय भाव में स्थित है। कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता देता है। 5 जनवरी को मंगल राशि परिवर्तन कर कुंभ राशि का होकर चतुर्थ भाव में आ जाएगा, जो कि मित्रों के सहयोग से संपत्ति की खरीद-फरोख्त करा रहा है। राशि में शनि की स्थिति से साढ़े साती का प्रभाव रहेगा। कार्यो के निष्पादन तो ठीक रहेंगे, पर कुछ न कुछ व्यवधान आते रहेंगे। जीवनसाथी को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। लेकिन नवम भाव में वृहस्पति की स्थिति अच्छे परिणाम देगी। शिक्षा में सुखद परिणाम मिलेंगे। एकादश भाव में राहु आय में निरंतरता रखेगा। विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं।
क्या करें
लाल कपड़े में गुड़ बांधकर मंगलवार के दिन दान करें।
मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ें तथा प्रसाद चढ़ाएं।
बुधवार के दिन पालक आदि हरी सब्जी गाय को खिलाएं।
लाल किताब के उपाय
पिता एवं पिता समान पुरुषों के चरण-स्पर्श करके आशीर्वाद लें।
माथे पर भभूत न लगायें।
रोजगार में तरक्की के लिए हर रोज सूर्य नमस्कार करें।
मुफ्त में किसी से कुछ न लें।
नीले रंग के कपड़े न पहनें।
धनु - (22 नवंबर-21 दिसंबर)
आपकी राशि का स्वामी वृहस्पति वर्षारंभ से 14 जुलाई तक आपकी राशि से अष्टमस्थ रहेगा। इस अवधि तक निराशा व असंतोष के भाव रहेंगे। माता को स्वास्थ्य विकार, रहन-सहन कष्टदायी रहेगा। वर्ष के प्रारंभ के एक सप्ताह में क्रोध की अधिकता रहेगी। व्यर्थ के विवाद हो सकते हैं। 14 फरवरी तक संयत रहने की जरूरत है। 15 जुलाई के बाद वित्तीय स्थिति में सुधरेगी। अक्तूबर में संपत्ति का विस्तार होगा। इस वर्ष राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति होगी। किसी बड़े राजनेता से भेंट हो सकती है। शिक्षा में 15 जुलाई के पश्चात बेहतर परिणाम मिलेंगे। इस वर्ष साढ़ेसाती के प्रभाव में रहेंगे। यात्राएं अधिक रहेंगी। कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती। अनियोजित खर्चे बढ़ेंगे।
क्या करें
शुक्रवार के दिन चावल की खीर बना कर कौए को खिलाएं।
चांदी के गिलास में पानी पियें।
सफेद कपड़े में चावल बांध कर शुक्रवार के दिन दान करें।
लाल किताब के उपाय
शाकाहारी भोजन अपनायें और धार्मिक विचार रखें।
16 दिन लगातार मंदिर/ गुरुद्वारे में चने की दाल का दान करें।
मजदूरों और सेवकों से उचित व्यवहार करें।
काले मकोड़ों को चीनी, आटा और चावल का चूरा डालें।
मकर - (22 दिसंबर-19 जनवरी)
आपकी राशि का स्वामी शनि वृश्चिक राशि में एकादश भावस्थ है। वृहस्पति सप्तम भाव में उच्च राशिस्थ है। 14 जुलाई तक धन प्राप्ति की स्थिति ठीक रहेगी। यात्राएं अधिक होंगी। वर्ष के आरंभ में ही भवन सुख में वृद्धि होगी। किराये के मकान में रहने वालों के लिए यह वर्ष मकान की दृष्टि से शुभ रहेगा। 16 जून तक अपने मकान में पहुंच सकते हैं। वाहन सुख में वृद्धि होगी। संतान को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। 15 जुलाई के बाद आय में व्यवधान आने शुरू हो जाएंगे। गृह क्लेश बढ़ सकता है। शिक्षा में व्यवधान आएंगे। परिणाम असंतोषजनक रहेंगे। 16 मार्च से 2 अगस्त तक कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना होगा। लेकिन किसी बुजुर्ग से धन की प्राप्ति हो सकती है।
क्या करें
मंगलवार के दिन लाल कपड़े में गुड़ बांध कर दान करें।
हनुमान जी को सिंदूर लेपन करके चोला पहनाएं और सुंदरकांड का पाठ करें।
बुधवार के दिन गाय को पालक आदि हरी सब्जी खिलाएं।
लाल किताब के उपाय
शराब और मांसाहार से बिल्कुल दूर रहें।
मंदिर/गुरुद्वारे में आलू/ गाजर का दान करते रहें।
भाई-बहनों से मिलते रहें / फोन करते रहें।
हर बृहस्पतिवार को पीपल की जड़ पर जल डालें।
कुम्भ - (20 जनवरी-18 फरवरी)
आपकी राशि का स्वामी शनि वृश्चिक राशिस्थ होकर वर्षात तक दशम भाव में रहेगा। इस वर्ष अनियोजित खर्च बढ़ेंगे। पारिवारिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं। यात्रा अधिक होगी। 16 मार्च से 3 अगस्त के मध्य विदेश यात्रा की संभावना बन रही है। आय कम, व्यय अधिक से परेशान रहेंगे। 15 जुलाई के बाद आय की स्थिति में सुधार की संभावना दिखाई पड़ती है। वर्ष के प्रारंभ में कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी। जिम्मेदारियों में वृद्धि हो सकती है। वस्त्रों व गहनों आदि पर खर्च बढ़ेंगे। 14 जुलाई तक शिक्षा में व्यवधान रहेंगे। परिणाम निराशाजनक रहेंगे। 15 जुलाई के पश्चात ही स्थिति में सुधार होगा। अध्ययन में रुचि रहेगी। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा।
क्या करें
पीले कपड़े में चने की दाल बांध कर वृहस्पतिवार के दिन दान करें। गाय को बेसन का मीठा परांठा खिलाएं।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध से अभिषेक करें।
लाल किताब के उपाय
पुजारी को कपड़े दान न करें।
बेडरूम में धार्मिक फोटो/ पुस्तकें न रखें।
ससुरालवालों से संबंध मधुर रखें।
काले और नीले कपड़े न पहनें।
सुबह का नाश्ता रसोई में जाकर करें।
मीन - (19 फरवरी-20 मार्च)
आपकी राशि का स्वामी वृहस्पति 14 जुलाई तक पंचम भाव में ही रहेगा। तब तक अध्ययन में रुचि रहेगी। शिक्षा में सम्मानजनक परिणाम प्राप्त होंगे। आय की स्थिति ठीक रहेगी। सप्तम भाव में राहु की स्थिति से कार्यो में विघ्न-बाधाएं आ सकती हैं। नवम भाव में शनि के होने से कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां पैदा होंगी, लेकिन आय भाव पर स्वराशि पर तृतीय दृष्टि होने से आय की स्थिति ठीक रहेगी। 24 मार्च से 15 मई के आसपास किसी पैतृक संपत्ति का लाभ हो सकता है। वर्ष के प्रारंभ में जनवरी मास में मान-सम्मान में वृद्धि होगी तथा यश मिलेगा। 15 जुलाई के बाद आय में कमी आ सकती है। कार्य प्रारंभिक कठिनाइयों के बाद ही पूर्ण होंगे। शिक्षा में व्यवधान आएंगे।
क्या करें
प्रतिदिन प्रात: स्नान करके एक लोटे में जल भरकर उसमें थोड़े से चावल, चीनी तथा रोली डालकर सूर्य की तरफ मुंह करके जल सूर्य को अर्पित कर दें।
वृहस्पतिवार के दिन तीन मूली पत्तों सहित शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शनिवार को एक लौटे में जल भरकर उसमें थोड़े से काले तिल व दो बूंद सरसों का तेल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
लाल किताब के उपाय
बिजली के उपकरण किसी से भी उपहारस्वरूप न तो लें और न ही दें।
आप और आपका जीवनसाथी दोनों ही नीले कपड़े न पहनें।
लाल रंग का रुमाल जेब में रखें।
गाय को एक रोटी हर रोज खिलायें।
भविष्यवाणी>> राजीव के. खट्टर
सन 2015 में अदालतों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण फैसले दिए जायेंगे और वे फैसले सालों तक याद किये जायेंगे। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए नए कठोर नियम बनेंगे, जिनका कड़ाई से पालन होगा।
सन 2015 के शुरुआती महीनों में शेयर बाजार तेजी की ओर दिखेगा। 16 जून को मंगलवार है और अमावस्या भी, माहौल गड़बड़ा सकता है। सोना और चांदी में मंदी के संकेत मिल सकते हैं। 5 जुलाई को शुक्र मघा नक्षत्र में प्रवेश करेगा और शनि द्वारा दृष्ट भी रहेगा। बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।
14 जुलाई के बाद वृहस्पति की कृपा से सुभिक्ष योग बन रहा है, जिसके चलते अच्छी वर्षा होगी। शनि ग्रह के अपने ही नक्षत्र अनुराधा में प्रवेश से स्टील, ऑटोमोबाइल और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है। प्रॉपर्टी के भाव भी बढ़ सकते हैं। साल का आखिरी हफ्ता तेजड़ियों के लिए आशा की किरण लेकर आएगा और आम निवेशक भी पूंजी निवेश के प्रति जाग्रत हो जायेगा।
सन 2015 आशा भोंसले, रितेश देशमुख, धर्मेन्द्र, जॉन अब्राहम, लालकृष्ण आडवाणी, अर्जुन रामपाल, शिल्पा शेट्टी, डिम्पल कपाड़िया, शरमन जोशी के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। गरम धरम (धर्मेन्द्र) को अपनी सेहत के बारे में सचेत रहने की जरूरत है।
क्या कहना है अंक ज्योतिष का
अंक ज्योतिष के अनुसार 2015 का योग आठ बनता है, अत: यह साल देश के लिए चुनौतियां और उपलब्धियां दोनों ही लाएगा। नंबर 8 का स्वामी शनि है। शनि वो कठोर न्यायाधीश है, जो किसी को नहीं बख्शता और कर्मानुसार न्याय व दंड देता है। आपके लिए कैसा रहेगा यह साल, देखें अपना नंबर...
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है)
आपकी मेहनत को इस साल भाग्य का पूरा साथ मिलेगा, अत: अपने प्रयासों में तेजी रखें। यदि थोड़ी समझदारी दिखाएंगे तो इस साल आप आय का एक और स्नोत बनाने में सफल हो पाएंगे, सिर्फ आंखें खुली रखने की जरूरत है। परिवार से पूर्ण सहयोग मिलेगा। 8 से 20 जनवरी और 22 मई से 8 जून की समयावधि में महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6, 15 या 24 तारीख को हुआ है)
इस साल आपके कई रुके काम बनेंगे और तरक्की के नए आयाम छूएंगे। नए फैशन के कपड़े, गहने, नया वाहन या घर में नया फर्नीचर आ सकता है। जिन्दगी को नया आप रंग-रूप दे पाएंगे इस साल। जीवनसाथी/प्रेमी से खूब सहयोग मिलेगा और आप भी उन्हें पूरा सहयोग दें। 25 जुलाई से 6 सितंबर तक महत्वपूर्ण निर्णय न ही लें।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है)
आपको इस साल अपना आचरण बिल्कुल साफ-सुथरा रखना है। अपनी तरफ से किसी को अपनी मानहानि करने का कोई भी मौका न दें। बेहतर होगा आप अपनी सरकारी बकाया देय राशि (इनकम टैक्स, बिजली -पानी बिल आदि) समय रहते चुकता कर दें, ताकि जुर्माने से बचे रहें। 23 अगस्त से 29 अक्तूबर तक का समय सावधानीपूर्वक गुजारियेगा।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है)
ये साल आपके लिए चुनौतियां और उपलब्धियां दोनों ही लेकर आया है। सावधानी, ईमानदारी और होशियारी से चलेंगे तो खूब तरक्की करेंगे। 2 अगस्त के बाद न केवल रुके हुए काम बनने शुरू हो जायेंगे, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। इस साल आप भूमि संबंधित विवाद कुछ हद तक सुलझा पाएंगे। शत्रु पक्ष दबा रहेगा। खर्च नियंत्रण में रखें।
(यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है)
इस साल अपने शरीर का ध्यान रखें। खूब धन आने के साथ-साथ खूब धन जा भी सकता है। सरकारी विभागों से परेशानियां मिल सकती हैं। 10 अप्रैल से 12 अगस्त का समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस समयावधि में महत्वपूर्ण फैसले लेना टालें। जब भी अवसर मिले, रक्तदान अवश्य करें। माता या माता समान महिला का आशीर्वाद जरूर लें।
महत्वपूर्ण दिवस/व्रत-त्योहार
18 जुलाई: रमजान ईद
23 जुलाई: बालगंगाधर तिलक जयंती
27 जुलाई: देवशयनी आषाढ़ी एकादशी
31 जुलाई: गुरु पूर्णिमा
15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस
19 अगस्त: नाग पंचमी
29 अगस्त: रक्षाबंधन
1 सितंबर: अंगारक गणेश संकष्ट चतुर्थी
5 सितंबर: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी/शिक्षक दिवस
6 सितंबर: नंदोत्सव गोकुलाष्टमी
12 सितंबर: मातृ दिवस
13 सितंबर: कुशोत्पाटिनी अमावस्या
16 सितंबर: हरतालिका तीज
18 सितंबर: ऋषि पंचमी
24 सितंबर: बकरीद
25 सितंबर: वामन जयंती
27 सितंबर: अनंत चतुर्दशी
28 सितंबर: महालय (पितृ पक्ष) आरंभ
2 अक्तूबर: गांधी जयंती/लाल बहादुर शास्त्री जयंती
12 अक्तूबर: अमावस्या, पितृ विसजर्न
13 अक्तूबर: शारदीय नवरात्र आरंभ
20 अक्तूबर: दुर्गापूजा प्रारंभ (बंगाल)
22 अक्तूबर: विजयादशमी
24 अक्तूबर: मुहर्रम (ताजिया)
26 अक्तूबर: कोजागरी पूर्णिमा
27 अक्तूबर: वाल्मीकि जयंती
30 अक्तूबर: करवा चौथ
31 अक्तूबर: सरदार पटेल जयंती
3 नवंबर: अहोई अष्टमी
9 नवंबर: धन त्रयोदशी
10 नवंबर: नरक चतुर्दशी
11 नवंबर: दीपावली
12 नवंबर: गोवर्धन पूजा
13 नवंबर: भाई दूज
14 नवंबर: पंडित नेहरू जयंती
17 नवंबर: छठ पूजा
22 नवंबर: देवप्रबोधिनी एकादशी
25 नवंबर: गुरु नानक जयंती
12 दिसंबर: देव दीपावली
21 दिसंबर: गीता जयंती
25 दिसंबर: क्रिसमस दिवस
(कुछ तिथियों में परिवर्तन संभव है)
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