उदयपुर। झीलों की नगरी में बिना लाइसेंस व स्वास्थ्य परीक्षण के कोई भी पशुपालक पर्यटन स्थलों पर सैलानियों को ऊंटों और घोड़ों की सवारी नहीं करा सकेंगे। जिला कलक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया है।
नगर निगम और पर्यटन विभाग जल्द से जल्द लाइसेंस जारी करने के साथ ही ऊंट और घोड़ों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान पत्रिका में गुरूवार को "सैलानियों की "बीमारी" की सवारी" खबर प्रकाशित होने पर जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग और नगर निगम हरकत में आए। अब तक पर्यटन स्थलों पर बिना लाइसेंस लिएं पशुपालक सैलानियों को ऊंट और घोड़े की सवारी कर रहे थे।
इतना ही नहीं, ऊंट-घोड़ों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी नहीं कराया जा रहा था। पशु चिकित्सकों की मानें तो बीमार ऊंट और घोड़ों की सवारी करने वाले को जुकाम, बुखार, चर्म रोग और क्यू फीवर का खतरा रहता है।
पर्यटकों की सेहत से जुड़ा यह मामला गंभीर है। इसमें लापरवाही बरतना गलत है। नगर निगम और पर्यटन अधिकारियों को इसके बारे में अवगत करा दिया गया है।
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