जैसलमेर चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान और अमेरिका के प्रमाणपत्र लगा दिए -
जैसलमेर राजस्थान के पंचायत चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित किए जाने का नतीजा यह हुआ कि चुनाव लड़ने वाले कैसे भी शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र जुटा रहे हैं। जैसलमेर में दो लोगों ने पाकिस्तान और अमेरिका से जारी प्रमाण पत्र लगा दिए। हालांकि जिला प्रशासन ने दोनों को ही खारिज कर दिया।
पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू किए जाने से सबसे बड़ी समस्या उन लोगों को आ रही है जो 60 की उम्र पार कर चुके हैं। इनमें से ज्यादातर या तो चुनाव लड़ने की दौड से ही बाहर हो गए हैं और जिनके पास निर्धारित योग्यता थी वे अब अपने प्रमाण पत्रों को सम्भाल रहे हैं। कई तो ऐसे हैं, जिनके पास प्रमाण पत्र थे भी तो खो गए।
उधर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पास 1970 से पहले का रिकार्ड ही नहीं है। सीमावर्ती जिलों जैसलमेर और बाडमेर में कई लोग ऐसे हैं जो पाकिसतान में रहते थे और कुछ वर्षों पहले भारत में आ कर रहने लगे हैं। इनके पास भारत के किसी बोर्ड का प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे ही एक व्यक्ति नाथू सिंह ने हैदराबाद पाकिस्तान के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का दसवीं का प्रमाणपत्र नामांकन पत्र के साथ लगा दिया।
इसी तरह एकश्याम सिंह है, जिन्होंने अमेरिका के किसी बोर्ड का प्रमाण पत्र लगा दिया। हालांकि इस अमेरिकी बोर्ड का प्रमाण पत्र तो पूरी तरह फर्जी था, क्योंकि ऐसा कोई बोर्ड मिला ही नहीं, लेकिन पाकिस्तानी प्रमाण पत्र सही था। जैसलमेर जिला प्रशासन ने जांच में दोनों ही नामांकन पत्र खारिज कर दिए। जैसलमेर जिला कलेक्टर एन एल मीणा का कहना है कि दोनों नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए हैं, क्योंकि ये दोनों ही प्रमाण पत्र हमारे यहां वैध नहीं है।
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