नई दिल्ली। वैवाहिक कलह के मामलों में कोर्ट द्वारा पत्नियों की अपील को तवज्जो दी जाती रही थी लेकिन अब ऎसा नहीं होगा।
गुरूवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एचएल दत्तू और जस्टिस एके सिकरी ने यह माना कि वैवाहिक कलह से जुड़े मामलों में कोर्ट केवल पत्नियों की ओर से नरमी बरतता है लेकिन हर बार ऎसे मामलों में केवल पति ही क्यों कष्ट झेले?
न्यायिक पीठ ने इस बारे में सूचित किया है कि अब से यदि मामले को ट्रांसफर करने की अपील दायर की जाती है तो यह मंजूरी सहूलियत के आधार पर नहीं बल्कि ऎसे मामले याचिका की मेरिट के आधार पर फैसला किया जाएगा, चाहे अपील किसी पक्ष ने की हो।
गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऎसे ही एक मामले में फैसला दिया। जिसमें पत्नी ने अपील की थी कि मामले को गाजियाबाद से बेतुल कोर्ट में शिफ्ट किया जाए। लेकिन कोर्ट ने पति को होने वाली संभावित परेशानियों को देखते हुए अपील खारिज कर दी।
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