वसुंधरा राजे ने बताया कैसे हो सकता है देश का विकास
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आपसी सहयोग एवं समन्वय पर आधारित संघीय ढांचे को देश के विकास का एकमात्र विकल्प बताते हुए रविवार को कहा कि सहकारी संघवाद की भावना को अपनाकर और इसकी संकल्पना को मूर्तरूप देने के साथ ही एकजुटता के साथ काम करके ही राष्ट्र के मूल लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
राजे ने योजना आयोग के स्थान पर बनने वाली नई संस्था के बारे में चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में कहा कि मोदी और उनकी मंत्रिपरिष्ाद ऎसा माहौल तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें राज्य स्वतंत्र और निर्भीक होकर बेहतर शासकीय संरचना के मुद्दे पर अपना पक्ष एवं मत रख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते समय को देखते हुए योजना आयोग जैसी संस्थाओं में बदलाव एवं उनका पुनर्गठन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय एवं स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि राज्यों को योजनाओं के निर्धारण, धन के हस्तांतरण एवं प्राथमिकताओं के निर्धारण में अहम भूमिका प्रदान की जानी चाहिए।
राजे ने कहा कि संविधान में केंद्र एवं राज्यों के बीच संवाद स्थापित करने की काफी सहूलियतें एवं अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की इस भावना के अनुरूप एक ऎसा मंच बनाया जाना चाहिए जहां केंद्र-राज्यों के बीच एवं राज्यों के आपसी मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से उठाया एवं रखा जा सके। साथ ही उनका सम्मानजनक हल भी ढूढा जा सके।
राजे ने राजस्थान में अपनाई गई सुधारों की प्रक्रिया पर अपने विचार रखे तथा बताया कि राजस्थान ने क्यों और कैसे सुधार एजेंडा को अपनाया तथा कैसे इसे सफल बनाया।
उन्होंने विस्तार से इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि श्रम कानूनों में सुधार एवं बदलाव से राज्य में न केवल रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं बल्कि राज्य में अब कारोबार करना काफी आसान हो गया है।
उन्होंने बताया कि इन सुधारों के एजेंडे को आगे बढ़ाने से राज्य में न केवल रोजगार एवं श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ी है बल्कि इनमें भौतिक एवं सामाजिक संरचनाओं के निर्माण और प्रशासन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त हुई है।
राजे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू किए जा रहे सुधार एजेंडे का उद्देश्य सरकार एवं नागरिकों के बीच संबंधों में बेहतरी के साथ ही सरकार एवं व्यवसाय के बीच भी संबंधों को मजबूत करना है।
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आपसी सहयोग एवं समन्वय पर आधारित संघीय ढांचे को देश के विकास का एकमात्र विकल्प बताते हुए रविवार को कहा कि सहकारी संघवाद की भावना को अपनाकर और इसकी संकल्पना को मूर्तरूप देने के साथ ही एकजुटता के साथ काम करके ही राष्ट्र के मूल लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
राजे ने योजना आयोग के स्थान पर बनने वाली नई संस्था के बारे में चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में कहा कि मोदी और उनकी मंत्रिपरिष्ाद ऎसा माहौल तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें राज्य स्वतंत्र और निर्भीक होकर बेहतर शासकीय संरचना के मुद्दे पर अपना पक्ष एवं मत रख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते समय को देखते हुए योजना आयोग जैसी संस्थाओं में बदलाव एवं उनका पुनर्गठन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय एवं स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि राज्यों को योजनाओं के निर्धारण, धन के हस्तांतरण एवं प्राथमिकताओं के निर्धारण में अहम भूमिका प्रदान की जानी चाहिए।
राजे ने कहा कि संविधान में केंद्र एवं राज्यों के बीच संवाद स्थापित करने की काफी सहूलियतें एवं अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की इस भावना के अनुरूप एक ऎसा मंच बनाया जाना चाहिए जहां केंद्र-राज्यों के बीच एवं राज्यों के आपसी मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से उठाया एवं रखा जा सके। साथ ही उनका सम्मानजनक हल भी ढूढा जा सके।
राजे ने राजस्थान में अपनाई गई सुधारों की प्रक्रिया पर अपने विचार रखे तथा बताया कि राजस्थान ने क्यों और कैसे सुधार एजेंडा को अपनाया तथा कैसे इसे सफल बनाया।
उन्होंने विस्तार से इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि श्रम कानूनों में सुधार एवं बदलाव से राज्य में न केवल रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं बल्कि राज्य में अब कारोबार करना काफी आसान हो गया है।
उन्होंने बताया कि इन सुधारों के एजेंडे को आगे बढ़ाने से राज्य में न केवल रोजगार एवं श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ी है बल्कि इनमें भौतिक एवं सामाजिक संरचनाओं के निर्माण और प्रशासन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता प्राप्त हुई है।
राजे ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू किए जा रहे सुधार एजेंडे का उद्देश्य सरकार एवं नागरिकों के बीच संबंधों में बेहतरी के साथ ही सरकार एवं व्यवसाय के बीच भी संबंधों को मजबूत करना है।
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