जोधपुर। पाकिस्तान-अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिन्दू व सिख विस्थापितों को भारतीय नागरिकता नियमों में छूट दी जाएगी। लॉन्ग टर्म वीजा को एक ही समय 5 साल तक करने एवं इसकी प्रक्रिया को समयबद्ध किया है।
इसमें एफआरओ को 21 दिन व राज्य सरकार को एक महीने का समय दिया है। भारत में 31 दिसम्बर 2009 से पूर्व प्रवेश कर चुके हैं अथवा रह रहे हो या जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी है, वे कुछ शर्तो पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
विस्थापितों की समस्याओं के स्थाई समाधान को लेकर मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित टास्क फोर्स की दिल्ली में आयोजित बैठक में सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिन्दू सिंह सोढ़ा ने रोड मैप प्रस्तुत किया।
बैठक में विस्थापितों के लिए वीजा अवधि के सरलीकरण के साथ इनकी सम्पति को भारत में निवेश करने की कानूनी छूट देना, दीर्घकालीन वीजा अवधि तथा नागरिकता प्रक्रिया का सरलीकरण और नागिरकता के पॉवर जिला कलक्टर्स को देने पर चर्चा हुई।
वष्ाü 1965 से अब तक भारत आए 5 लाख नागरिक गैर नागरिकता प्राप्त नागरिक 29 हजार प्रदेश में गैर नागरिकता प्राप्त नागरिक 15 हजार(स्त्रोत : सीमांत लोक संगठन) एक वक्त तीन जगह का वीजा और 6 महीने के वीजा देने की अनुमति का अधिकार एफआरओ को।
लॉन्ग टर्म वीजा पर रहने वाले विस्थापितों के बच्चों को स्कूल में प्रवेश की छूट और प्राइवेट नौकरी कर सकेंगे।
नागरिकता के लिए ऑनलाइन सहित व्यक्तिगत एप्लीकेशन कलक्टर ऑफिस में भी जमा होगी।
2009 से पहले के विस्थापितों के एक्सपायर पासपोर्ट उनके बगैर भी नागिरकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। -
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