जयपुर। राजधानी में कोड वर्ड के सहारे वेश्यावृत्ति का धंधा चलने का खुलासा हुआ है। इसमें नई गाड़ी व पुरानी गाड़ी जैसे शब्द काम में लिए जा रहे हैं। इसकी कमान भी महिलाओं के हाथ में है।
पिछले दिनों पकड़े सैक्स रैकेट से यह जानकारी पुलिस को लगी है। जयपुर पुलिस इन कोड वर्ड से शहर में युवतियां सप्लाई करने वाली महिला की तलाश कर रही है। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस का कहना है कि यह महिला चार साल से पॉश कॉलोनियों में जाल बिछाए है।
दो दिन पहले श्याम नगर में हुए वेश्यावृत्ति के पर्दाफाश के बाद हनुमागढ़ की कमला का नाम सामने आया। दबिश के दौरान गुरूवार को महिला का मुख्य गुर्गा मानसरोवर निवासी बृजेश अग्रवाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
फरार महिला सरगना मुम्बई, दिल्ली और अन्य राज्यों से युवतियों को बृजेश के जरिए शहर के दलालों तक पहुंचाती थी। पुरानी लड़कियों को रोज के 3000 रूपए और नई लड़कियों को पांच छह हजार रूपए तक दिए जाते हैं।
अशोक नगर एसीपी महेन्द्र हरसाना ने बताया कि श्याम नगर में पकड़े गए वेश्यावृत्ति मामले की जांच में महिला सरगना के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। उसकी तलाश की जा रही है।
पिछले दिनों पकड़े सैक्स रैकेट से यह जानकारी पुलिस को लगी है। जयपुर पुलिस इन कोड वर्ड से शहर में युवतियां सप्लाई करने वाली महिला की तलाश कर रही है। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस का कहना है कि यह महिला चार साल से पॉश कॉलोनियों में जाल बिछाए है।
दो दिन पहले श्याम नगर में हुए वेश्यावृत्ति के पर्दाफाश के बाद हनुमागढ़ की कमला का नाम सामने आया। दबिश के दौरान गुरूवार को महिला का मुख्य गुर्गा मानसरोवर निवासी बृजेश अग्रवाल पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
फरार महिला सरगना मुम्बई, दिल्ली और अन्य राज्यों से युवतियों को बृजेश के जरिए शहर के दलालों तक पहुंचाती थी। पुरानी लड़कियों को रोज के 3000 रूपए और नई लड़कियों को पांच छह हजार रूपए तक दिए जाते हैं।
अशोक नगर एसीपी महेन्द्र हरसाना ने बताया कि श्याम नगर में पकड़े गए वेश्यावृत्ति मामले की जांच में महिला सरगना के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। उसकी तलाश की जा रही है।
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