उदयपुर। आपकी थोड़ी सी जागरूकता बेटियों की जान बचा सकती है। आप केवल टोल फ्री नम्बर-104 पर कॉल कर दें। अथवा, सीपीएनडीटी-आरजे एट एनआईसी डॉट इन पर ईमेल या वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एचएएमएआरआईबीईटीआई डॉट एनआईसी डॉट इन पर लॉगिन कर शिकायत कर दें। सरकार न केवल आपका नाम गुप्त रखेगी बल्कि लिंग परीक्षण की सूचना देने के लिए आपको पुरस्कार भी देगी।
गर्भ में बेटियों की हत्या पर लगाम के लिए राज्य सरकार ने सोनोग्राफी सेन्टर्स के लिए साइलेंट ऑब्जर्वर यानी मुखबिर लगा रखे हैं। मुखबिर योजना के तहत आम जन भी सोनोग्राफी सेंटर के गलत कार्यो को सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
सरकार की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एचएएमएआरआईबीईटीआई डॉट एनआईसी डॉट इन पर ऑनलाइन शिकायत पुस्तिका में ऎसे कारनामे दर्ज कराए जा सकते हैं। सरकार ने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कन्या भू्रणहत्या रोकने संबंधी मुखबिर योजना की विस्तृत जानकारी दी है।
शिकायत के लिए अहम बातें
सीएमएचओ डॉ. संजीव टांक ने बताया कि ऑनलाइन शिकायत में क्लीनिक का नाम-पता लिखना जरूरी है। फोटो आदि सामग्री हो तो स्कैन कर अपलोड की जा सकती है। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखते हुए शिकायत की जांच की जाती है। शिकायतकर्ता चाहे तो अपना ईमेल या पता भी दे सकता है ताकि जरूरत पड़ने पर उससे सम्पर्क किया जा सके।
ऎसे करें शिकायत
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी प्रभारी मनीषा भटनागर ने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एचएएमएआरआईबीईटीआई डॉट एनआईसी डॉट इन पर क्लिक करते ही पृष्ठ खुलता है। इसमें हिन्दी-अंग्रेजी में लिंग चयन तथ्य, लिंग चयन की रिपोर्ट कैसे करें, शिकायत की स्थिति संबंधी जानकारी आती है।
इसके माध्यम से राज्य स्तरीय अधिकारी, राज्य स्तरीय पीएनडीटी सेल, जिला समुचित प्राधिकारी और जिला नोडल अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है।
गर्भ में बेटियों की हत्या पर लगाम के लिए राज्य सरकार ने सोनोग्राफी सेन्टर्स के लिए साइलेंट ऑब्जर्वर यानी मुखबिर लगा रखे हैं। मुखबिर योजना के तहत आम जन भी सोनोग्राफी सेंटर के गलत कार्यो को सीधे सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
सरकार की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एचएएमएआरआईबीईटीआई डॉट एनआईसी डॉट इन पर ऑनलाइन शिकायत पुस्तिका में ऎसे कारनामे दर्ज कराए जा सकते हैं। सरकार ने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कन्या भू्रणहत्या रोकने संबंधी मुखबिर योजना की विस्तृत जानकारी दी है।
शिकायत के लिए अहम बातें
सीएमएचओ डॉ. संजीव टांक ने बताया कि ऑनलाइन शिकायत में क्लीनिक का नाम-पता लिखना जरूरी है। फोटो आदि सामग्री हो तो स्कैन कर अपलोड की जा सकती है। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखते हुए शिकायत की जांच की जाती है। शिकायतकर्ता चाहे तो अपना ईमेल या पता भी दे सकता है ताकि जरूरत पड़ने पर उससे सम्पर्क किया जा सके।
ऎसे करें शिकायत
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की पीसीपीएनडीटी प्रभारी मनीषा भटनागर ने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एचएएमएआरआईबीईटीआई डॉट एनआईसी डॉट इन पर क्लिक करते ही पृष्ठ खुलता है। इसमें हिन्दी-अंग्रेजी में लिंग चयन तथ्य, लिंग चयन की रिपोर्ट कैसे करें, शिकायत की स्थिति संबंधी जानकारी आती है।
इसके माध्यम से राज्य स्तरीय अधिकारी, राज्य स्तरीय पीएनडीटी सेल, जिला समुचित प्राधिकारी और जिला नोडल अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है।
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