नई दिल्ली। टिकट दलालों पर लगाम लगाने के साथ-साथ रेलवे को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए रिफंड के नियमों में बदलाव किया गया है। रेलवे की ओर से टिकट रिफंड के नियमों में बदलाव से यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है।
अभी तक ट्रेन छूटने की स्थिति में यात्री 30 दिनों तक टिकट वापस कर सकते थे, जिसके बाद रेलवे आधे पैसे वापस करता था। लेकिन अब ऎसा नहीं होगा। रेलवे ने मौजूदा नियमों में बदलाव करते हुए टिकट रिफंड की मियाद घटाकर तीन दिन कर दी है।
टिकट रिफंड की मियाद घटाए जाने के संबंध में रेलवे का कहना है कि 30 दिनों तक टिकट वापस किए जाने का फायदा दलाल उठाते थे। बता दें कि ट्रेन छूटने की स्थिति में यात्रियों को कैसिंलेशन के लिए टीडीआर भरनी होती है।
इसमें ट्रेन छूट जाने का कारण स्पष्ट करना होता है, जिसके बाद स्टेशन मैनेजर की अनुमति के बाद टिकट कैंसल होता है और आधे पैसे लौटाए जाते हैं।
हालांकि टीडीआर के दायरे में सिर्फ कंफर्म टिकट ही रिफंड की श्रेणी में आते हैं, वेटिंग टिकट नहीं। यानि अगर आपके पास वेटिंग टिकट है और ट्रेन छूट गई हैं तो आपको टिकट वापसी पर रिफंड नहीं मिलेगा।
अभी तक ट्रेन छूटने की स्थिति में यात्री 30 दिनों तक टिकट वापस कर सकते थे, जिसके बाद रेलवे आधे पैसे वापस करता था। लेकिन अब ऎसा नहीं होगा। रेलवे ने मौजूदा नियमों में बदलाव करते हुए टिकट रिफंड की मियाद घटाकर तीन दिन कर दी है।
टिकट रिफंड की मियाद घटाए जाने के संबंध में रेलवे का कहना है कि 30 दिनों तक टिकट वापस किए जाने का फायदा दलाल उठाते थे। बता दें कि ट्रेन छूटने की स्थिति में यात्रियों को कैसिंलेशन के लिए टीडीआर भरनी होती है।
इसमें ट्रेन छूट जाने का कारण स्पष्ट करना होता है, जिसके बाद स्टेशन मैनेजर की अनुमति के बाद टिकट कैंसल होता है और आधे पैसे लौटाए जाते हैं।
हालांकि टीडीआर के दायरे में सिर्फ कंफर्म टिकट ही रिफंड की श्रेणी में आते हैं, वेटिंग टिकट नहीं। यानि अगर आपके पास वेटिंग टिकट है और ट्रेन छूट गई हैं तो आपको टिकट वापसी पर रिफंड नहीं मिलेगा।
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