बाड़मेर आरटीआई कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी
- आरटीआई कार्यकर्ता ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन
- कानुनी कार्यवाही करने की मांग
बाड़मेर। एक आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगने पर जान से मारने की धमकिया दी जा रही हैं। जिसको लेकर बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक को आरटीआई कार्यकर्ता हरीष चंडक पुत्र चतुर्भज चंडक जाति माहेष्वरी निवासी कल्याणपुरा मार्ग नम्बर 5 बाड़मेर ने बुधवार को ज्ञापन सौंप कानुनी कार्यवाही की मांग की।
आरटीआई कार्यकर्ता हरीष चंडक ने जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 1 फरवरी 2014 को सूचना के अधिकारी अधिनियम के तहत ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. सुरा कानोड के व्यवस्थापक काछबदान के खिलाफ सूचना मांगी गई थी, सूचना उपलब्ध नहीं करवाने पर इसकी अपील राजस्थान सूचना आयोग को की गई। जिस पर काछबदान ने मेरे से द्वेष भाव रखने लगा। चंडक ने बताया कि 5 नम्बर 2014 को अल सवेरे 10.30 बजे सेवा सदन में स्थित पतंजलि चिकित्सालय से सामान खरीद घर की जाने लगा तब वहीं बाहर काछबदान मिला और कहा कि मेरे खिलाफ षिकायतें व नकलें मांगना छोड़ दे नही ंतो जान से मार दूंगा तेरी लाष का पत्ता भी नहीं लगेगा घर वाले ढूंढते रहेंगे नही ंतो जितनी भी सूचना के तहत सूचना मांगी गई हैं सब वापस ले ले।
आरटीआई कार्यकर्ता हरीष चंडक ने पुलिस अधिक्षक को ज्ञापन में काछबदान से जान माल का खतरा हैं इसके खिलाफ मामला दर्ज कर कानुनी कार्यवाही करने की मांग की।
आरटीआई कार्यकर्ता हरीष चंडक ने जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 1 फरवरी 2014 को सूचना के अधिकारी अधिनियम के तहत ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. सुरा कानोड के व्यवस्थापक काछबदान के खिलाफ सूचना मांगी गई थी, सूचना उपलब्ध नहीं करवाने पर इसकी अपील राजस्थान सूचना आयोग को की गई। जिस पर काछबदान ने मेरे से द्वेष भाव रखने लगा। चंडक ने बताया कि 5 नम्बर 2014 को अल सवेरे 10.30 बजे सेवा सदन में स्थित पतंजलि चिकित्सालय से सामान खरीद घर की जाने लगा तब वहीं बाहर काछबदान मिला और कहा कि मेरे खिलाफ षिकायतें व नकलें मांगना छोड़ दे नही ंतो जान से मार दूंगा तेरी लाष का पत्ता भी नहीं लगेगा घर वाले ढूंढते रहेंगे नही ंतो जितनी भी सूचना के तहत सूचना मांगी गई हैं सब वापस ले ले।
आरटीआई कार्यकर्ता हरीष चंडक ने पुलिस अधिक्षक को ज्ञापन में काछबदान से जान माल का खतरा हैं इसके खिलाफ मामला दर्ज कर कानुनी कार्यवाही करने की मांग की।
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