शनिवार, 15 नवंबर 2014

बाड़मेर। पंडित नेहरू आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा- फतेह खां

बाड़मेर। पंडित जवाहरलाल नेहरू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पंडित नेहरू ने एक निष्काम कर्मयोगी की तरह देश के नव निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संविधान निर्माण से लेकर नियोजित अर्थव्यवस्था, सामुदायिक विकास, पंचायतीराज, सहकारिता, कृषि एवं उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश का चहुंमुखी विकास किया। वे सच्चे देशभक्त, दार्शनिक, इतिहासकार, राजनयिक, कानूनविद् से बढ़कर आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा थे। ये विचार पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष फतेह खां ने कांग्रेस कार्यालय में व्यक्त किए। 


उन्होनें कहा कि पंडित नेहरू के विचार आज भी प्रासंगिक हैं, हमें उनका अनुसरण करना चाहिए, उनकी विचारधारा भारत की राष्ट्रीय धरोहर है।जिला कांग्रेस कार्यालय प्रभारी ओमप्रकाश चैधरी ने बताया कि आज प्रातः 11 बजे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री चाचा नेहरू के नाम से विख्यात पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती समारोहपूर्वक कांग्रेस कार्यालय में मनाई गई। इस अवसर पर सर्वप्रथम पंडित नेहरू की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित करके श्रद्धा सुमन अर्पित किए अैर नेहरूजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके योगदान का स्मरण किया।इस कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष फतेह खां, महामंत्री जगजीवनराम सिंधी, लोकसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष ठाकराराम माली, जिला परिषद् सदस्य गणपतसिंह भाटी, ब्लाॅक अध्यक्ष बच्चू खां, चिकित्सा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष डाॅ. मूलचन्द चैधरी, वरिष्ठ अधिवक्ता रतनलाल सोनी, सरपंच हुसैन खां, ब्लाॅक महामंत्री प्रवीण सेठिया, महावीर बोहरा, कचरा खां, जोगराजसिंह, भंवरलाल गोदारा, एन.एस.यू.आई. नगर अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश माली, निर्विरोध नवनिर्वाचित पार्षद दिलीपसिंह गोगादे, पूर्व पार्षद धनाराम मेघवाल, राजेश गहलोत, शंकरलाल दर्जी, इन्द्राराम दर्जी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।कार्यक्रम में महामंत्री जगजीवनराम सिंधी ने कहा कि नेहरूजी संकुचित क्षेत्रीयता, भाषावाद, साम्प्रदायिक संकीर्णता से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत थे।युवा कांग्रेस लोकसभाध्यक्ष ठाकराराम माली ने कहा कि नेहरूजी ने भारत की तटस्थता की नीति के अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों को प्रगाढ़ बनाया और विश्व शांति के लिए सराहनीय कार्य किया, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

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