अहमदाबाद।गुजरात पर छह दिनों से मंडरा रहा चक्रवाती तूफान निलोफर का खतरा शुक्रवार सुबह पूरी तरह से टल गया। इससे न सिर्फ केन्द्र बल्कि राज्य सरकार और समुद्री इलाकों के समीप बसे लोगों ने भी राहत की सांस ली है।अब तक धीरे-धीरे गुजरात की ओर आगे बढ़ते समय कमजोर पड़ रहे चक्रवाती तूफान निलोफर ने शुक्रवार सुबह कच्छ जिले के नलिया से चार सौ किलोमीटर दूरी पर समुद्र में ही दम तोड़ दिया। वो तूफान से हल्के दबाव में परिवर्तित हो गया है।
जिससे अब गुजरात के तटीय क्षेत्रों में कोई खतरा या नुकसान नहीं हो होगा, लेकिन कम दवाब के चलते कच्छ-सौराष्ट्र के कुछ एक इलाकों में 45 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना अभी भी बरकरार है। ये बारिश शुक्रवार देर शाम से शुरू होकर शनिवार सुबह या पूरे दिन तक होने की संभावना है। गुरूवार देर रात अहमदाबाद सहित कच्छ व सौराष्ट्र के कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। हालांकि राज्य सरकार कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती। बेशकर खतरा टल गया हो, लेकिन राहत और बचाव कार्य के लिए समुद्र तटीय जिलों में तैनात किए गए सेना के जवानों, एनडीआरएफ,एसआरपी और तटरक्षक दल की टीमों को शुक्रवार देर रात तक वहीं पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।
खतरा टलने की आधिकारिक घोषणा की
राज्य के राहत आयुक्त डी.एन.पांडे ने शुक्रवार सुबह गांधीनगर में राज्य आपदा प्रबंधन समूह की बैठक करने के दौरान मौसम विभाग विशेषज्ञों से विचार विमर्श करने के बाद निलोफर का खतरा राज्य में टलने की आधिकारिक घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि शनिवार शाम तक प्रभावित इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जिसके बाद परिस्थिति और मौसम पूर्ववत हो जाएगा। लेकिन फिर भी राहत दल वहां पर आज भी तैनात रहेंगे, जिला कलक्टरों को आज भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बेहतर तालमेल व तैयारियों की तारीफ
पांडे ने निलोफर से निपटने के लिए तहसील, जिला व राज्य तथा केन्द्रीय स्तर पर अधिकारियों की विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल व तैयारियां करने और सतर्क रहने पर अधिकारियों की तारीफ की। उन्होने कहा कि इससे ये साबित हो गया कि आगामी समय में कोई खतरा आने की स्थिति में हम बेहतर तरीके से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क हो सकेंगे। कासं -
जिससे अब गुजरात के तटीय क्षेत्रों में कोई खतरा या नुकसान नहीं हो होगा, लेकिन कम दवाब के चलते कच्छ-सौराष्ट्र के कुछ एक इलाकों में 45 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना अभी भी बरकरार है। ये बारिश शुक्रवार देर शाम से शुरू होकर शनिवार सुबह या पूरे दिन तक होने की संभावना है। गुरूवार देर रात अहमदाबाद सहित कच्छ व सौराष्ट्र के कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। हालांकि राज्य सरकार कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती। बेशकर खतरा टल गया हो, लेकिन राहत और बचाव कार्य के लिए समुद्र तटीय जिलों में तैनात किए गए सेना के जवानों, एनडीआरएफ,एसआरपी और तटरक्षक दल की टीमों को शुक्रवार देर रात तक वहीं पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।
खतरा टलने की आधिकारिक घोषणा की
राज्य के राहत आयुक्त डी.एन.पांडे ने शुक्रवार सुबह गांधीनगर में राज्य आपदा प्रबंधन समूह की बैठक करने के दौरान मौसम विभाग विशेषज्ञों से विचार विमर्श करने के बाद निलोफर का खतरा राज्य में टलने की आधिकारिक घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि शनिवार शाम तक प्रभावित इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जिसके बाद परिस्थिति और मौसम पूर्ववत हो जाएगा। लेकिन फिर भी राहत दल वहां पर आज भी तैनात रहेंगे, जिला कलक्टरों को आज भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बेहतर तालमेल व तैयारियों की तारीफ
पांडे ने निलोफर से निपटने के लिए तहसील, जिला व राज्य तथा केन्द्रीय स्तर पर अधिकारियों की विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल व तैयारियां करने और सतर्क रहने पर अधिकारियों की तारीफ की। उन्होने कहा कि इससे ये साबित हो गया कि आगामी समय में कोई खतरा आने की स्थिति में हम बेहतर तरीके से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क हो सकेंगे। कासं -
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