नई दिल्ली। अगर आप फोन पर ज्यादा बातचीत करते हैं तो यह खबर आपके लिए है।
स्वीडन के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि जो लोग फोन पर ज्यादा बात करते है उन्हें ब्रेन कैंसर हो सकता है।
एक स्टडी से पता चला कि जो लोग मोबाइल और कॉर्डलैस फोन पर 25 साल से अधिक बात करते है उनमें ब्रैन कैंसर होने का खतरा तिगुना बढ़ जाता है।
1380 लोगों पर अध्ययन के बात इस बात का पता चला कि फोन पर कम बात करने वालों की तुलना में ज्यादा बात करने वालों के लिए ब्रैन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार सेलफोन का लंबे वक्त तक लगातार इस्तेमाल खतरे की घंटी है और आने वाले तीन साल में ये मुसीबत साढ़े चार अरब लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है।
जानकारों के मुताबिक मोबाइल फोन से लगातार रेडियो तरंगें निकलती रहती हैं और ये लोगों में ब्रेन कैंसर की वजह बनती हैं। इससे पहले अमेरिका में मोबाइल फोन को लेकर की गई एक नई रिसर्च में भी ऎसा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ था।
अमेरिका, स्वीडन, ग्रीस, फ्रांस और रूस की रिसर्च से मिले नतीजों से पता चला था कि 2 घंटे के मोबाइल फोन रेडिएशन ने चूहों के ब्रेन सेल के डीएनए को नष्ट कर दिया। इतना ही नहीं, उसमें ट्यूमर के लक्षण भी पाए गए।
2 घंटे के रेडिएशन ने इंसानों के ब्रेन सेल पर उतना ज्यादा असर नहीं डाला लेकिन नतीजा चिंताजनक जरूर हैं। इशारा साफ है कि सेलफोन पर ज्यादा बात करना मतलब खतरे को दावत देना है और जिस रफ्तार से आज दुनिया में फोन का इस्तेमाल हो रहा है उससे आने वाले समय में लोग मुसीबत में पड़ सकते हैं।
स्वीडन के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि जो लोग फोन पर ज्यादा बात करते है उन्हें ब्रेन कैंसर हो सकता है।
एक स्टडी से पता चला कि जो लोग मोबाइल और कॉर्डलैस फोन पर 25 साल से अधिक बात करते है उनमें ब्रैन कैंसर होने का खतरा तिगुना बढ़ जाता है।
1380 लोगों पर अध्ययन के बात इस बात का पता चला कि फोन पर कम बात करने वालों की तुलना में ज्यादा बात करने वालों के लिए ब्रैन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार सेलफोन का लंबे वक्त तक लगातार इस्तेमाल खतरे की घंटी है और आने वाले तीन साल में ये मुसीबत साढ़े चार अरब लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है।
जानकारों के मुताबिक मोबाइल फोन से लगातार रेडियो तरंगें निकलती रहती हैं और ये लोगों में ब्रेन कैंसर की वजह बनती हैं। इससे पहले अमेरिका में मोबाइल फोन को लेकर की गई एक नई रिसर्च में भी ऎसा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ था।
अमेरिका, स्वीडन, ग्रीस, फ्रांस और रूस की रिसर्च से मिले नतीजों से पता चला था कि 2 घंटे के मोबाइल फोन रेडिएशन ने चूहों के ब्रेन सेल के डीएनए को नष्ट कर दिया। इतना ही नहीं, उसमें ट्यूमर के लक्षण भी पाए गए।
2 घंटे के रेडिएशन ने इंसानों के ब्रेन सेल पर उतना ज्यादा असर नहीं डाला लेकिन नतीजा चिंताजनक जरूर हैं। इशारा साफ है कि सेलफोन पर ज्यादा बात करना मतलब खतरे को दावत देना है और जिस रफ्तार से आज दुनिया में फोन का इस्तेमाल हो रहा है उससे आने वाले समय में लोग मुसीबत में पड़ सकते हैं।
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