मुंबईः महाराष्ट्र कांग्रेस को आज तब बड़ा झटका लगा जब विधानसभा में पार्टी के पांच विधायकों को विधानसभा स्पीकर हरिभाऊ बागड़े ने दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया। इन पांचों विधायकों पर राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के साथ धक्कामुक्की करने का आरोप है। निलंबित विधायकों में अब्दुल सत्तार, अमर काले, जय कुमार बोरे, राहुल बोंद्रे, वीरेंद्र जगताप शामिल हैं। घटनाक्रम के अनुसार कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान वहां से गुजर रहे राज्यपाल के साथ विधायकों ने धक्कामुक्की की जिससे राज्यपाल के हाथ में चोट लग गई।
कांग्रेसियों बोले 'गवर्नर गो बैक'
इससे पहले कांग्रेसी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के संयुक्त सत्र में राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के अभिभाषण को बाधित किया और 13 दिन पुरानी बीजेपी सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने के तरीके पर विरोध जताया। राज्यपाल के अभिभाषण शुरू करते ही कांग्रेस के विधायकों ने सरकार और राज्यपाल के विरूद्ध ‘दादागिरी नहीं चलेगी’ और ‘गवर्नर गो बैक’ जैसे नारे लगाए। राव के अभिभाषण पूरा करने से पहले ही कांग्रेस विधायक सदन से बाहर चले गए।
राज्यपाल को विधान भवन में प्रवेश करने से रोका गया
इससे पूर्व शिवसेना के विधायकों ने अभिभाषण देने जा रहे राज्यपाल को विधान भवन में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया। शिवसेना विधायकों ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बुधवार दिन में बीजेपी सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने के तरीके की शिकायत करते हुए उसे ‘असंवैधानिक’ बताया गया था।
पूर्व सीएम चव्हाण ने भी दिया धरना
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सहित कांग्रेस के कई विधायक भी विधान भवन इमारत की सीढ़ियों पर धरना देकर बैठ गए और राज्यपाल को रोकने का प्रयास किया। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख माणिकराव ठाकरे ने विधान भवन के बाहर कहा कि आज विश्वास मत के दौरान मत विभाजन नहीं हुआ और यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी सरकार ने राज्यपाल का विश्वास मत हासिल करने के निर्देश का उल्लंघन किया है। प्रदेश कांग्रेस ने विश्वासमत के फौरन बाद राज्यपाल को एक पत्र भेजकर उनसे संयुक्त सत्र में अभिभाषण नहीं देने का अनुरोध किया था।
राज्यपाल को विधान भवन में प्रवेश करने से रोका गया
इससे पूर्व शिवसेना के विधायकों ने अभिभाषण देने जा रहे राज्यपाल को विधान भवन में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया। शिवसेना विधायकों ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बुधवार दिन में बीजेपी सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने के तरीके की शिकायत करते हुए उसे ‘असंवैधानिक’ बताया गया था।
पूर्व सीएम चव्हाण ने भी दिया धरना
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण सहित कांग्रेस के कई विधायक भी विधान भवन इमारत की सीढ़ियों पर धरना देकर बैठ गए और राज्यपाल को रोकने का प्रयास किया। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख माणिकराव ठाकरे ने विधान भवन के बाहर कहा कि आज विश्वास मत के दौरान मत विभाजन नहीं हुआ और यह स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी सरकार ने राज्यपाल का विश्वास मत हासिल करने के निर्देश का उल्लंघन किया है। प्रदेश कांग्रेस ने विश्वासमत के फौरन बाद राज्यपाल को एक पत्र भेजकर उनसे संयुक्त सत्र में अभिभाषण नहीं देने का अनुरोध किया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें