मुंबई। एनसीपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावी नतीजों के बाद अपनी विरोधी पार्टी बीजेपी को बिना शर्त समर्थन देकर सबको हैरान कर दिया है।
लेकिन इसी बीच यह जानना भी काफी रोचक होगा कि पिछले 40 दिनों से एक रहस्यमय फाइल महाराष्ट्र के आला अधिकारियों की टेबल पर धूल फांक रही है।
यह फाइल एनसीपी के नेता अजित पवार और सुनील टटकरे के खिलाफ जांच से संबंधित है। अजित पंवार एनसीपी प्रमुख शरद पंवार के भतीजे और गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री थे वहीं टटकरे एनसीपी राज्य प्रमुख हैं।
ऎसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं एनसीपी के बीजेपी को समर्थन के पीछे इसी रहस्यमय फाइल की भूमिका तो नहीं है?
हार से घबराई एनसीपी
मालुम रहे कि महाराष्ट्र में बीजेपी 122 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन उभर कर सामने आई है जबकि कांग्रेस के साथ गठबंधन कर पिछले 15 सालों से महाराष्ट्र में सत्ता पर काबिज एनसीपी 41 सीटें जीत कर बमुश्किल चौथा स्थान हासिल कर पाई है।
122 सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अभी भी 22 सीटों की और दरकार हे। एनसीपी का समर्थन लेकर इस कमी को आसानी के साथ पूरा किया जा सकता है।
रहस्यमय फाइल के पीछे की कहानी
राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी के महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने 22 अगस्त को राज्य के गृह मंत्रालय में इन दोनों नेताओं के खिलाफ खुली जांच की अनुमति मांगी थी।
गौरतलब है कि समाजसेवी प्रवीण वाटेगांवनकर ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष सुनील टटकरे ने राज्य की कई सिंचाई परियोजनाएं एक खास कंपनी को नियमों की अनदेखी करते हुए दे दी।
यह भी बताते चलें कि महाराष्ट्र में एनसीपी ने 26 सितंबर को कांग्रेस के साथ गठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। ऎसे में जांच के लिए राज्यपाल से अनुमति लेना जरूरी हो गया था।
राज्यपाल विद्यासागर राव के सलाहकार अनिल बजाज के मुताबिक उनके पास ऎसी कोई फाइल नहीं आई है।
मोदी कैबिनेट में शरद पंवार
अंग्रजी अखबार "इंडियन एक्सप्रेस" में छपी खबर के अनुसार कहा तो यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं।
कहा जा रहा है कि उनके लिए खाली पड़ा रक्षा मंत्रालय तय किया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एनसीपी ने बीजेपी के साथ गुपचुप समझौता कर लिया है। -
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