जोधपुर। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान नीलोफर और अधिक कमजोर हो गया है।
मौसम विभाग ने इसकी तीव्रता की श्रेणी दो स्तर घटाकर केवल चक्रवाती तूफान की (वैरी सीवियर साइक्लोनिक स्ट्रॉम से साइक्लोनिक स्ट्रॉम) कर दी है।
नीलोफर शुक्रवार देर रात को गुजरात के नलिया तट से टकराएगा तब 60 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से हवा चलेगी और सौराष्ट्र व कच्छ के इलाकों में भारी बारिश होगी।
उधर जोधपुर सहित थार के इलाकों में गुरूवार दोपहर बाद नीलोफर के असर से बादल आना शुरू हो गए। ठीक इसी समय जम्मू कश्मीर के ऊपर आए भूमध्यसागरीय पश्चिमी विक्षोभ भी नीलोफर से नमी लेकर नीचे उतरने लगा।
जोधपुर में नीलोफर और पश्चिमी विक्षोभ दोनों मौसमी तंत्रों के बादल आसमां में मंडरा रहे हैं। यहां शुक्रवार व शनिवार को हल्की बारिश की संभावना है। यदि पश्चिमी विक्षोभ को और अधिक नमी मिल जाती है तो जोधपुर में नीलोफर की बजाय पश्चिमी विक्षोभ से अधिक छींटे गिरेंगे।
शहर में गुरूवार देर रात को कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। इससे गुलाबी सर्दी का एहसास हुआ। दो तीन दिनों मे बादल बारिश के मौसम से शहर में दिन का तापमान 30 डिग्री से लुढ़ककर नीचे आ जाएगा।
पश्चिमी विक्षोभ आया : भूमध्यसागर से पश्चिमी विक्षोभ भी गुरूवार को जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर गया। इस मौसमी तंत्र को अरब सागर में उठे नीलोफर तूफान से नमी मिल गई और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी हिस्से में बादलों की आवाजाही शुरू हो गई।
राजस्थान में असर कम
नीलोफर के कमजोर पड़ने से जोधपुर सहित राजस्थान के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से में तेज बारिश की संभावना खत्म हो गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक नीलोफर गुरूवार को गुजरात से 560 किलोमीटर दूर था और इसकी हवा की गति बीते दो दिनों में 200 किलोमीटर प्रतिघण्टा से कम होकर 100 किलोमीटर प्रतिघण्टा रह गई है।
जब यह शुक्रवार देर रात गुजरात से टकराएगा तब भी इसकी गति 60 किलोमीटर प्रति घण्टा रहेगी। संभावना जताई जा रही है कि नीलोफर राजस्थान में प्रवेश करने से पहले ही खत्म हो जाएगा। हालांकि इसके असर से दक्षिणी पश्चिमी हिस्सों में कुछ बारिश होगी लेकिन तूफान जैसी कोई स्थिति नहीं है।
मौसम विभाग ने इसकी तीव्रता की श्रेणी दो स्तर घटाकर केवल चक्रवाती तूफान की (वैरी सीवियर साइक्लोनिक स्ट्रॉम से साइक्लोनिक स्ट्रॉम) कर दी है।
नीलोफर शुक्रवार देर रात को गुजरात के नलिया तट से टकराएगा तब 60 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से हवा चलेगी और सौराष्ट्र व कच्छ के इलाकों में भारी बारिश होगी।
उधर जोधपुर सहित थार के इलाकों में गुरूवार दोपहर बाद नीलोफर के असर से बादल आना शुरू हो गए। ठीक इसी समय जम्मू कश्मीर के ऊपर आए भूमध्यसागरीय पश्चिमी विक्षोभ भी नीलोफर से नमी लेकर नीचे उतरने लगा।
जोधपुर में नीलोफर और पश्चिमी विक्षोभ दोनों मौसमी तंत्रों के बादल आसमां में मंडरा रहे हैं। यहां शुक्रवार व शनिवार को हल्की बारिश की संभावना है। यदि पश्चिमी विक्षोभ को और अधिक नमी मिल जाती है तो जोधपुर में नीलोफर की बजाय पश्चिमी विक्षोभ से अधिक छींटे गिरेंगे।
शहर में गुरूवार देर रात को कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। इससे गुलाबी सर्दी का एहसास हुआ। दो तीन दिनों मे बादल बारिश के मौसम से शहर में दिन का तापमान 30 डिग्री से लुढ़ककर नीचे आ जाएगा।
पश्चिमी विक्षोभ आया : भूमध्यसागर से पश्चिमी विक्षोभ भी गुरूवार को जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर गया। इस मौसमी तंत्र को अरब सागर में उठे नीलोफर तूफान से नमी मिल गई और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी हिस्से में बादलों की आवाजाही शुरू हो गई।
राजस्थान में असर कम
नीलोफर के कमजोर पड़ने से जोधपुर सहित राजस्थान के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से में तेज बारिश की संभावना खत्म हो गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक नीलोफर गुरूवार को गुजरात से 560 किलोमीटर दूर था और इसकी हवा की गति बीते दो दिनों में 200 किलोमीटर प्रतिघण्टा से कम होकर 100 किलोमीटर प्रतिघण्टा रह गई है।
जब यह शुक्रवार देर रात गुजरात से टकराएगा तब भी इसकी गति 60 किलोमीटर प्रति घण्टा रहेगी। संभावना जताई जा रही है कि नीलोफर राजस्थान में प्रवेश करने से पहले ही खत्म हो जाएगा। हालांकि इसके असर से दक्षिणी पश्चिमी हिस्सों में कुछ बारिश होगी लेकिन तूफान जैसी कोई स्थिति नहीं है।
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