जयपुर। कार्तिक कृष्णा अमावस्या गुरूवार को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या होने से इसी दिन दीपावली होने से लक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रमोहन दाधीच ने बताया कि शास्त्रानुसार लक्ष्मीपूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लगन व स्थिर नवांश में शुभ माना गया है। इसलिए दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 7.19 से 7.32 बजे तक है, जिसमें प्रदोषकाल, स्थिर वर्ष लगन और कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा। वैसे सम्पूर्ण रात्रि लक्ष्मी पूजन शुभ माना गया है।
इसके अलावा वृश्चिक लगन स्थिर प्रात: 8.27 से 10.45 बजे तक, लाभ अमृत का चौघडिया-- दोपहर 12.12 से 3.00 बजे तक, प्रदोष काल --शाम 5.45 से 8.21 बजे तक, वृष लगन स्थिर--शाम 7.07 से रात्रि 9.04 बजे तक अमृत व चर का चौघडिया , शाम 5.48 से रात्रि 9.00 बजे तक, सिंह लगन स्थित-- मध्य रात्रि 1.37 से अन्तररात 3.53 बजे तक भी लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायी रहेगा।
चार बड़े ग्रहों का योग होगा लाभदायक
ज्योतिष्ााचार्य पं.चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार दीपावली पर बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क, शनि अपनी उच्च राशि तुला तथा बुध अपनी उच्च राशि कन्या में रहेंगे। इससे आगामी वर्ष में व्यापारियों को विशेष धन लाभ होगा। साथ ही सौन्दर्य के कारक शुक्र अपनी स्वराशि तुला में होने से आम लोगों के लिए उन्नतिदायक व खुशहाली देने वाला होगा।
इसलिए दीपावली को चार ग्रह बलि (मजबूत) रहेंगे। ऎसा संयोग 12 वर्ष बाद आ रहा है। इससे पूर्व 4 नवम्बर 2012 को दीपावली पर चार ग्रह बलि थे। दिवाली के दिन खण्डग्रास सूर्यग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां सूतक नहीं रहेगा।
बनेगा नीचभंग योग
दीपावली पर चार ग्रहों सूर्य, शुक्र, शनि और चंद्र की तुला राशि में युति भी रहेगी। इनमें शनि अपनी उच्च राशि तुला में रहेंगे। वहीं सूर्य भी तुला राशि में रहकर नीचभंग राजयोग बनाएंगे। साथ ही शुक्र स्वराशि तुला में रहेंगे। चंद्रमा भी इनके साथ विचरण करेंगे। इन चतुर्ग्रही योग के प्रभाव से सभी जातकों को यह दीपावली शुभ फलदायी, उन्नतिदायक व खुशियां देने वाली होगी।
आठ दिशाओं में होगा लक्ष्मी पूजन
दिवाली पर धनलक्ष्मी के साथ सुख समृद्धि के लिए आठ दिशाओं में अष्ठ लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार घर में हर दिशा से लक्ष्मी का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए आठ दिशाओं में लक्ष्मी के आठ नामों आद्य, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, योग लक्ष्मी की आराधना होगी।
ऎसे करें पूजन
चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर पूर्वाभिमुख बैठे, लक्ष्मीजी को चौकी पर विराजमान कर षोड्षोपचार पूजन करें। इसके बाद कुबेर के रूप में तिजौरी एवं सरस्वती के रूप में बहीखाता, पेन या दवात की पूजा करें। फिर भगवती की आरती कर प्रसाद बांटे। विशेष रूप से कमल पुष्प चढ़ाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद का देती है।
भक्तों को श्रीसुक्त, लक्ष्मी सुक्त व गोपाल सहस्त्रनाम का रात में पाठ करना चाहिए। शास्त्रों में विधान है कि जो व्यक्ति दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के बाद लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए पाठ करता है वहां लक्ष्मी अवश्य आती है। -
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