जम्मू/श्रीनगर. बाढ़ के कहर ने कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर बाड़ (फेंसिंग) को नुकसान पहुंचाया है। इस बारे में सूचना मिलते ही सुरक्षा बल उसे दुरुस्त करने की कोशिश में जुट गए हैं। सेना का कहना है कि अखनूर सेक्टर में करीब 40 किलोमीटर लंबी एलओसी पर बनी बाड़ को कई जगहों पर नुकसान पहुंचा है। सेना ने बाढ़ का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकियों के इस पार आने की आशंका से इनकार नहीं किया है। इस बीच, राज्य में मोबाइल सेवाएं तकरीबन ठप हैं। कुछ जगहों पर एयरसेल की सेवाएं चल रही हैं। वहीं, कश्मीर घाटी में ट्रेन सेवाएं बहाल होने में 6-7 दिनों का समय लगेगा। रेलवे के एडीजी (पीआर) अनिल सक्सेना ने जानकारी दी है कि रेलवे हालात की समीक्षा कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से मची भीषण तबाही और 200 से ज्यादा मौतों के बीच सेना पुरजोर तरीके से राहत और बचाव कार्य में लगी है। विमान और हेलिकॉप्टरों की मदद से फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है और लोगों तक राहत पहुंचाई जा रही है। गृह मंत्रालय ने मदद के लिए 150 से ज्यादा बोटें भी भेजी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राज्य का दौरा कर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर, बाढ़ से मची भारी तबाही से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में सैन्य बलों द्वारा छेड़े गए राज्य में अब तक के सबसे बड़े राहत अभियान के बीच सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने लोगों को आश्वस्त किया है कि सेना मुसीबत में फंसे अंतिम व्यक्ति तक को बचाने तक जी-जान से जुटी रहेगी। सेना प्रमुख ने टि्वटर पर अपनी टिप्पणी में कहा, "आखिरी शख्स को सुरक्षित निकाले बिना सेना बैरक में नहीं लौटेगी।"
अगले 24 घंटों में सुधर जाएगा मौसम, वैष्णो देवी यात्रा भी शुरू
उधर, श्रीनगर के कई हिस्सों में 12 फीट तक पानी जमा है। दक्षिण कश्मीर में फंसे राज्य के तीन मंत्रियों का भी कोई अता-पता नहीं है। करीब सात दिनों की लगातार बारिश के बाद राज्य की स्थिति में अब सुधार आ रहा है। मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटे में मौसम बेहतर होने की उम्मीद जताई है। उधर, सोमवार को वैष्णो देवी यात्रा फिर से शुरू कर दी गई।
राहत का काम हुआ तेज
राहत कार्य के लिए सेना ने 200 कॉलम (प्रत्येक में 75 से 100 कर्मी) तैनात किए हैं। वायुसेना 23 विमानों और 26 हेलिकॉप्टरों की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और मदद पहुंचाने के काम में लगी है। मदद के लिए श्रीनगर, जम्मू और दिल्ली में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, हालात की समीक्षा और राहत कार्य में समन्वय के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक टीम भी भेजी है। अब तक बाढ़ प्रभावित विभिन्न इलाकों से 13 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। 4000 से ज्यादा लोगों को प्राथमिक सहायता मुहैया कराई गई है। श्रीनगर-सोपोर हाईवे पर हैगांव में करीब 200 कमांडो राहत कार्य में जुटे हैं। गोताखारों की और टीमें दिल्ली, मुंबई और विशाखापत्तनम से बुलाई गई हैं।
वैष्णो देवी यात्रा शुरू
मौसम में सुधार आने के बाद सोमवार सुबह वैष्णो देवी यात्रा को फिर से शुरू कर दिया गया। यात्रा पिछले चार दिन से बंद थी। फिलहाल, श्रद्धालु कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा पैदल ही तय कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि मौसम साफ रहा तो जल्द ही हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू कर दी जाएगी।
घाटी के हालात खराब
जम्मू में जलप्रलय के बाद राहत की खबर है, लेकिन कश्मीर में हालात अभी भी काफी खराब हैं। श्रीनगर का सिविल सेक्रेटेरिएट और ऐतिहासिक लाल चौक पानी में डूबे हुए हैं। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर भी कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है और पानी भरा है। प्रशासन जेसीबी की मदद से फंसी गाड़ियों को निकालने की कोशिश कर रहा है। श्रीनगर में सड़कें जलमग्न हैं और रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। श्रीनगर की डल झील के बीच खड़े हाउसबोट भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। झेलम नदी उफान पर है और पानी के तेज बहाव में हाउसबोट के बहने की आशंका से हाउसबोट मालिक चिंतित हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा में हालात और भी ज्यादा खराब हैं।
NDRF ने अब तक 5183 लोगों को बचाया-
अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से एनडीआरएफ ने 5183 लोगों को बचाया है। एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने जम्मू में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बनाते हुए कहा कि हमने अपना बचाव अभियान तेज कर दिया है।
थलसेना ने पूरी ताकत झोंकी
जनरल के बयान को जमीन पर अंजाम देते हुए सेना ने अपने तमाम संसाधन आपरेशन सहायता में झोंक दिए हैं और अभी तक 22 हजार लोगों को मुसीबत से निकाल लिया है। वहीं, सेना ने अपनी अपनी 205 टुकड़ियों को इस अभियान में लगा रखा है। सेना ने बाढ़ प्रभावितों को 4000 कंबल और 90 तंबू वितरित किए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 23000 लीटर पीने का पानी और 600 किलोग्राम बिस्किट भी वितरित किए गए हैं।
नौसेना ने मरीन कमांडो लगाए
नौसेना ने भी अपने उन मरीन कमांडो को राहत अभियान में जुटा दिया, जिन्होंने श्रीनगर-सोपोर राजमार्ग पर हैगांव में बाढ़ में फंसे करीब 200 लोगों को बचाया। नौसेना के कमांडो भी इसके बाद श्रीनगर में पंथा चौक के करीब बचाव कार्य में जुट गए हैं। नौसेना की गोताखोर टीमों को नई दिल्ली, मुंबई और विशाखापत्तनम में तैयार रखा गया है। दिल्ली में भी एक मेडिकल टीम जम्मू-कश्मीर जाने के लिए तैयार है।
वायुसेना ने 1245 को निकाला
भारतीय वायुसेना के विमानों और हेलिकाप्टरों ने अब तक 1245 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला है। इन विमानों और हेलिकॉप्टरों ने अब तक 140 उड़ानें संचालित की हैं और 155 टन राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचाई है। कुल मिलाकर 45 विमानों और हेलिकॉप्टरों को इस अभियान में लगाया गया है। राहत और बचाव में सहयोग के लिए सोमवार को इंजीनियर टास्क फोर्स को नई दिल्ली से जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है। यह टीम अपने साथ नावें और जीवनरक्षक उपकरण लेकर जा रही है। जम्मू-कश्मीर में राहत एवं बचाव अभियान की प्रगति पर एकीकृत रक्षा मुख्यालय लगातार नजर रखे हुए है।
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से मची भीषण तबाही और 200 से ज्यादा मौतों के बीच सेना पुरजोर तरीके से राहत और बचाव कार्य में लगी है। विमान और हेलिकॉप्टरों की मदद से फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है और लोगों तक राहत पहुंचाई जा रही है। गृह मंत्रालय ने मदद के लिए 150 से ज्यादा बोटें भी भेजी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राज्य का दौरा कर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर, बाढ़ से मची भारी तबाही से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर में सैन्य बलों द्वारा छेड़े गए राज्य में अब तक के सबसे बड़े राहत अभियान के बीच सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने लोगों को आश्वस्त किया है कि सेना मुसीबत में फंसे अंतिम व्यक्ति तक को बचाने तक जी-जान से जुटी रहेगी। सेना प्रमुख ने टि्वटर पर अपनी टिप्पणी में कहा, "आखिरी शख्स को सुरक्षित निकाले बिना सेना बैरक में नहीं लौटेगी।"
अगले 24 घंटों में सुधर जाएगा मौसम, वैष्णो देवी यात्रा भी शुरू
उधर, श्रीनगर के कई हिस्सों में 12 फीट तक पानी जमा है। दक्षिण कश्मीर में फंसे राज्य के तीन मंत्रियों का भी कोई अता-पता नहीं है। करीब सात दिनों की लगातार बारिश के बाद राज्य की स्थिति में अब सुधार आ रहा है। मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटे में मौसम बेहतर होने की उम्मीद जताई है। उधर, सोमवार को वैष्णो देवी यात्रा फिर से शुरू कर दी गई।
राहत का काम हुआ तेज
राहत कार्य के लिए सेना ने 200 कॉलम (प्रत्येक में 75 से 100 कर्मी) तैनात किए हैं। वायुसेना 23 विमानों और 26 हेलिकॉप्टरों की मदद से बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और मदद पहुंचाने के काम में लगी है। मदद के लिए श्रीनगर, जम्मू और दिल्ली में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, हालात की समीक्षा और राहत कार्य में समन्वय के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक टीम भी भेजी है। अब तक बाढ़ प्रभावित विभिन्न इलाकों से 13 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। 4000 से ज्यादा लोगों को प्राथमिक सहायता मुहैया कराई गई है। श्रीनगर-सोपोर हाईवे पर हैगांव में करीब 200 कमांडो राहत कार्य में जुटे हैं। गोताखारों की और टीमें दिल्ली, मुंबई और विशाखापत्तनम से बुलाई गई हैं।
वैष्णो देवी यात्रा शुरू
मौसम में सुधार आने के बाद सोमवार सुबह वैष्णो देवी यात्रा को फिर से शुरू कर दिया गया। यात्रा पिछले चार दिन से बंद थी। फिलहाल, श्रद्धालु कटरा से वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा पैदल ही तय कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि मौसम साफ रहा तो जल्द ही हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू कर दी जाएगी।
घाटी के हालात खराब
जम्मू में जलप्रलय के बाद राहत की खबर है, लेकिन कश्मीर में हालात अभी भी काफी खराब हैं। श्रीनगर का सिविल सेक्रेटेरिएट और ऐतिहासिक लाल चौक पानी में डूबे हुए हैं। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर भी कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है और पानी भरा है। प्रशासन जेसीबी की मदद से फंसी गाड़ियों को निकालने की कोशिश कर रहा है। श्रीनगर में सड़कें जलमग्न हैं और रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। श्रीनगर की डल झील के बीच खड़े हाउसबोट भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। झेलम नदी उफान पर है और पानी के तेज बहाव में हाउसबोट के बहने की आशंका से हाउसबोट मालिक चिंतित हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम और पुलवामा में हालात और भी ज्यादा खराब हैं।
NDRF ने अब तक 5183 लोगों को बचाया-
अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों से एनडीआरएफ ने 5183 लोगों को बचाया है। एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने जम्मू में बाढ़ की स्थिति को गंभीर बनाते हुए कहा कि हमने अपना बचाव अभियान तेज कर दिया है।
थलसेना ने पूरी ताकत झोंकी
जनरल के बयान को जमीन पर अंजाम देते हुए सेना ने अपने तमाम संसाधन आपरेशन सहायता में झोंक दिए हैं और अभी तक 22 हजार लोगों को मुसीबत से निकाल लिया है। वहीं, सेना ने अपनी अपनी 205 टुकड़ियों को इस अभियान में लगा रखा है। सेना ने बाढ़ प्रभावितों को 4000 कंबल और 90 तंबू वितरित किए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 23000 लीटर पीने का पानी और 600 किलोग्राम बिस्किट भी वितरित किए गए हैं।
नौसेना ने मरीन कमांडो लगाए
नौसेना ने भी अपने उन मरीन कमांडो को राहत अभियान में जुटा दिया, जिन्होंने श्रीनगर-सोपोर राजमार्ग पर हैगांव में बाढ़ में फंसे करीब 200 लोगों को बचाया। नौसेना के कमांडो भी इसके बाद श्रीनगर में पंथा चौक के करीब बचाव कार्य में जुट गए हैं। नौसेना की गोताखोर टीमों को नई दिल्ली, मुंबई और विशाखापत्तनम में तैयार रखा गया है। दिल्ली में भी एक मेडिकल टीम जम्मू-कश्मीर जाने के लिए तैयार है।
वायुसेना ने 1245 को निकाला
भारतीय वायुसेना के विमानों और हेलिकाप्टरों ने अब तक 1245 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला है। इन विमानों और हेलिकॉप्टरों ने अब तक 140 उड़ानें संचालित की हैं और 155 टन राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचाई है। कुल मिलाकर 45 विमानों और हेलिकॉप्टरों को इस अभियान में लगाया गया है। राहत और बचाव में सहयोग के लिए सोमवार को इंजीनियर टास्क फोर्स को नई दिल्ली से जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है। यह टीम अपने साथ नावें और जीवनरक्षक उपकरण लेकर जा रही है। जम्मू-कश्मीर में राहत एवं बचाव अभियान की प्रगति पर एकीकृत रक्षा मुख्यालय लगातार नजर रखे हुए है।
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