चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के मुख्मयंत्री पद के लिए केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट कर सकती है। हालांकि अभी तक भाजपा ने अपने किसी भी नेता का इस पद के लिए चयन नहीं किया है। प्रदेश के स्थानीय नेता भी सुषमा स्वराज के समर्थन में दिख रहे हैं। स्थानीय नेताओं की माने तो पार्टी में अंदर खाते स्वराज को प्रोजेक्ट करने की चर्चा चल रही है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा से एक भाजपा सासंद का मानना है कि पार्टी सुषमा को सीएम पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी उम्मीदवारों में से सुषमा बेहतर विकल्प होंगी।
साथ ही भाजपा सांसद का कहना है कि प्रदेश में सीएम पद के उम्मीदवार बनने की लाइन में पार्टी के 500 नेता हैं, पार्टी अभी सोच रही है कि किसे प्रदेश के सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए, जिसकी वजह से अभी तक पार्टी ने कोई घोषणा नहीं की है। कई स्थानीय नेताओं का कहना है कि पार्टी सुषमा स्वराज को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट कर सकती है। लेकिन देखना यह होगा कि केंद्रीय सरकार में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालने के बाद सुषमा स्वराज राज्य की राजनीति में रूचि दिखाएंगी या नहीं। पार्टी नेताओं का कहना है कि सुषमा स्वराज को उम्मीदवार बनाना पार्टी के लिए अच्छा रहेगा। इससे प्रदेश के कार्यकर्ताओं में खुशी होगी। लेकिन आखिरी फैसला पार्टी की केंद्रीय कमांड को लेना होगा।
सुषमा स्वराज से जुड़े सूत्रों की माने तो केंद्र की राजनीति में 25 साल तक सक्रिय रहने के बाद सुषमा की सीएम पद में कोई रूचि नहीं हैं। इसी तरह पार्टी के अन्य नेता भी महसूस कर रहे हैं कि केंद्र की बड़ी जिम्मेदारियां संभालने के बाद क्या वे हरियाणा की राजनीति में सक्रिय होंगी। पार्टी के एक नेता का कहना है कि अगर उन्हें प्रदेश के सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाता है तो इस लाइन में लगे अन्य उम्मीदवार भी उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए कोई विरोध नहीं करेंगे। प्रदेश के कई नेताओं का मानना है कि चुनाव से पहले पार्टी किसी को भी सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट नहीं करेगी, क्योंकि पार्टी अगर ऎसा करती है तो पार्टी में गुटबंधी हो सकती है।
सुषमा स्वराज 25 साल की उम्र में 1977 में भारत की सबसे युवा राज्य कैबिनेट मंत्री बनी थीं। हरियाणा की देवीलाल सरकार में उन्हें श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। 1975 में जनता पार्टी मूवमेंट से जुड़ने के बाद उन्होंने आपातकाल के खिलाफ कई कैम्पेन किए थे। हरियाणा के पलवल से संबंध रखने वाली स्वराज भारत के चार राज्यों से 11 बार सीधे चुनाव लड़ चुकी हैं। 1996 में वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थी। -
साथ ही भाजपा सांसद का कहना है कि प्रदेश में सीएम पद के उम्मीदवार बनने की लाइन में पार्टी के 500 नेता हैं, पार्टी अभी सोच रही है कि किसे प्रदेश के सीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए, जिसकी वजह से अभी तक पार्टी ने कोई घोषणा नहीं की है। कई स्थानीय नेताओं का कहना है कि पार्टी सुषमा स्वराज को पीएम पद के लिए प्रोजेक्ट कर सकती है। लेकिन देखना यह होगा कि केंद्रीय सरकार में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालने के बाद सुषमा स्वराज राज्य की राजनीति में रूचि दिखाएंगी या नहीं। पार्टी नेताओं का कहना है कि सुषमा स्वराज को उम्मीदवार बनाना पार्टी के लिए अच्छा रहेगा। इससे प्रदेश के कार्यकर्ताओं में खुशी होगी। लेकिन आखिरी फैसला पार्टी की केंद्रीय कमांड को लेना होगा।
सुषमा स्वराज से जुड़े सूत्रों की माने तो केंद्र की राजनीति में 25 साल तक सक्रिय रहने के बाद सुषमा की सीएम पद में कोई रूचि नहीं हैं। इसी तरह पार्टी के अन्य नेता भी महसूस कर रहे हैं कि केंद्र की बड़ी जिम्मेदारियां संभालने के बाद क्या वे हरियाणा की राजनीति में सक्रिय होंगी। पार्टी के एक नेता का कहना है कि अगर उन्हें प्रदेश के सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाता है तो इस लाइन में लगे अन्य उम्मीदवार भी उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए कोई विरोध नहीं करेंगे। प्रदेश के कई नेताओं का मानना है कि चुनाव से पहले पार्टी किसी को भी सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट नहीं करेगी, क्योंकि पार्टी अगर ऎसा करती है तो पार्टी में गुटबंधी हो सकती है।
सुषमा स्वराज 25 साल की उम्र में 1977 में भारत की सबसे युवा राज्य कैबिनेट मंत्री बनी थीं। हरियाणा की देवीलाल सरकार में उन्हें श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। 1975 में जनता पार्टी मूवमेंट से जुड़ने के बाद उन्होंने आपातकाल के खिलाफ कई कैम्पेन किए थे। हरियाणा के पलवल से संबंध रखने वाली स्वराज भारत के चार राज्यों से 11 बार सीधे चुनाव लड़ चुकी हैं। 1996 में वे दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थी। -
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