नई दिल्ली। भारत में महिलाओं की हालात काफी दयनीय है यह बात अब जगजाहिर है। लेकिन नाबालिग लड़कियों पर दुनिया की जानी मानी एजेंसी युनीसेफ की एक रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए हैं।
यूनीसेफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत की 10 साल से कम उम्र वाली 50 में से हर एक नाबालिग लड़की के साथ जबरदस्ती सेक्स किया जाता है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारतीय लड़कियों की लगभग आधी आबादी बालिग होने से पहले ही सेक्सुअल हिंसा का शिकार हो जाती हैं।
वर्ल्ड चाइल्ड एंड एडोलसेंट वॉयोलेंस पर बेस्ड इस रिपोर्ट में 2005 और 2013 के बीच लिए गए डेमोग्राफिक और हैल्थ आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 प्रतिशत लड़कियां 10 से 14 वर्ष की उम्र के बीच जबकि 30 प्रतिशत लड़कियां 15 से 19 वर्ष की आयु के बीच ही सेक्सुअल हिंसा का शिकार हो जाती हैं।
कुल मिलाकर 42 प्रतिशत भारतीय लड़कियां नाबालिग अवस्था में ही सेक्सुअल हिंसा का शिकार हो जाती हैं।
घर में ही छुपा है आस्तीन का सांप
रिपोर्ट में बताया गया है कि 77 प्रतिशत लड़कियां जिनकी उम्र 15 से 19 वर्ष ही है, को उनके पति या किसी नजदीकी ने ही अपनी हवस का शिकार बनाया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 6 प्रतिशत मामलों में तो यह नजदीकी कोई रिशतेदार ही होता है जबकि 4 प्रतिशत में यह कोई दोस्त या जानकार होता है।
केवल 3 प्रतिशत मामलों में ही किसी बाहरी पुरूष हमला करता है हालांकि 0.4 प्रतिशत लड़कियों को उनके सौतेले पिता या सगे पिता भी अपनी हवस का शिकार बनाते हैं।
देखने में आया है कि भारत में सेक्सुअल हिंसा के अधिकतर मामले जानकारी में नहीं आते हैं।
रिपोर्ट में भारत की स्थिति अफ्रीका, खाड़ी देश, पूर्वी यूरोप, पाकिस्तान और नेपाल से कहीं बेहतर बताई गई है।
यूनीसेफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत की 10 साल से कम उम्र वाली 50 में से हर एक नाबालिग लड़की के साथ जबरदस्ती सेक्स किया जाता है।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारतीय लड़कियों की लगभग आधी आबादी बालिग होने से पहले ही सेक्सुअल हिंसा का शिकार हो जाती हैं।
वर्ल्ड चाइल्ड एंड एडोलसेंट वॉयोलेंस पर बेस्ड इस रिपोर्ट में 2005 और 2013 के बीच लिए गए डेमोग्राफिक और हैल्थ आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 प्रतिशत लड़कियां 10 से 14 वर्ष की उम्र के बीच जबकि 30 प्रतिशत लड़कियां 15 से 19 वर्ष की आयु के बीच ही सेक्सुअल हिंसा का शिकार हो जाती हैं।
कुल मिलाकर 42 प्रतिशत भारतीय लड़कियां नाबालिग अवस्था में ही सेक्सुअल हिंसा का शिकार हो जाती हैं।
घर में ही छुपा है आस्तीन का सांप
रिपोर्ट में बताया गया है कि 77 प्रतिशत लड़कियां जिनकी उम्र 15 से 19 वर्ष ही है, को उनके पति या किसी नजदीकी ने ही अपनी हवस का शिकार बनाया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 6 प्रतिशत मामलों में तो यह नजदीकी कोई रिशतेदार ही होता है जबकि 4 प्रतिशत में यह कोई दोस्त या जानकार होता है।
केवल 3 प्रतिशत मामलों में ही किसी बाहरी पुरूष हमला करता है हालांकि 0.4 प्रतिशत लड़कियों को उनके सौतेले पिता या सगे पिता भी अपनी हवस का शिकार बनाते हैं।
देखने में आया है कि भारत में सेक्सुअल हिंसा के अधिकतर मामले जानकारी में नहीं आते हैं।
रिपोर्ट में भारत की स्थिति अफ्रीका, खाड़ी देश, पूर्वी यूरोप, पाकिस्तान और नेपाल से कहीं बेहतर बताई गई है।
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