जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में कोतवाली क्षेत्र निवासी एक छात्रा को एक कांस्टेबल बीते 5-6 माह से नशीली दवा खिलाकर यौनशोषण करता रहा। मामला उजागर होने पर भी पीडिता न्याय के लिए दर - दर भटक रही है। आखिरकार शनिवार को जिले के अधिवक्ताओं का सब्र भी टूट गया और उन्होंने पीडिता को न्याय दिलाने तथा आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया।
सुल्तानपुर, शकरमण्डी निवासी स्नातक की छात्रा ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में मिर्जापुर जिले में तैनात कांस्टेबल राजेश बहादुर सिंह उसके पिता का परिचित था और उसके घर आरोपी का आना जाना था। आरोपी कांस्टेबल ने ही लड़की की बीए कक्षा में प्रवेश दिलाने में मदद की थी। लड़की के यौन शोषण मामले में रिपोर्ट दर्ज न करने के विरोध में वकीलों ने पूरे दिन न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया और कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। बाद में वकीलों ने जिलाधिकारी के सभागार में पहुंचकर तत्काल आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की।
पीडित लड़की ने आरोप लगाया है कि कांस्टेबल राजेश उसे नशीली दवा खिलाकर उसका यौन शोषण करता था। आरोपी ने दुपट्टे से गला दबाकर छात्रा को मार डालने की भी कोशिश की थी। कांस्टेबल ने पीडिता को धमकाया था कि किसी से शिकायत करने पर वह उसे मार डालेगा। लड़की ने आरोप लगाया है कि कांस्टेबल राजेश उसका पांच-छह महीने से यौन शोषण कर रहा था। कुछ दिनों पूर्व कांस्टेबल का तबादला मिर्जापुर हो गया था।
मिर्जापुर से जौनपुर आने पर भी कांस्टेबल पीडित लड़की का यौन शोषण करता था। कांस्टेबल का परिवार अभी जौनपुर में ही रहता है। इस मामले में आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज न करने के विरोध में जौनपुर कलेक्ट्रेट अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी सुहास एल वाई और पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार से मिलकर आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज करके उसे गिरफ्तार किया जाए।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने वकीलों को आश्वस्त किया है कि जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस मामले की पुलिस क्षेत्राधिकारी अल्का भटनागर जांच कर रही हैं।
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सुल्तानपुर, शकरमण्डी निवासी स्नातक की छात्रा ने आरोप लगाया है कि वर्तमान में मिर्जापुर जिले में तैनात कांस्टेबल राजेश बहादुर सिंह उसके पिता का परिचित था और उसके घर आरोपी का आना जाना था। आरोपी कांस्टेबल ने ही लड़की की बीए कक्षा में प्रवेश दिलाने में मदद की थी। लड़की के यौन शोषण मामले में रिपोर्ट दर्ज न करने के विरोध में वकीलों ने पूरे दिन न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया और कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। बाद में वकीलों ने जिलाधिकारी के सभागार में पहुंचकर तत्काल आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की।
पीडित लड़की ने आरोप लगाया है कि कांस्टेबल राजेश उसे नशीली दवा खिलाकर उसका यौन शोषण करता था। आरोपी ने दुपट्टे से गला दबाकर छात्रा को मार डालने की भी कोशिश की थी। कांस्टेबल ने पीडिता को धमकाया था कि किसी से शिकायत करने पर वह उसे मार डालेगा। लड़की ने आरोप लगाया है कि कांस्टेबल राजेश उसका पांच-छह महीने से यौन शोषण कर रहा था। कुछ दिनों पूर्व कांस्टेबल का तबादला मिर्जापुर हो गया था।
मिर्जापुर से जौनपुर आने पर भी कांस्टेबल पीडित लड़की का यौन शोषण करता था। कांस्टेबल का परिवार अभी जौनपुर में ही रहता है। इस मामले में आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज न करने के विरोध में जौनपुर कलेक्ट्रेट अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी सुहास एल वाई और पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार से मिलकर आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध तत्काल प्राथमिकी दर्ज करके उसे गिरफ्तार किया जाए।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने वकीलों को आश्वस्त किया है कि जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद आरोपी कांस्टेबल के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस मामले की पुलिस क्षेत्राधिकारी अल्का भटनागर जांच कर रही हैं।
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