न्यूयॉर्क। भारतीय-अमेरिकी समुदाय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा को लेकर दीवानगी चरम पर है। मैडिसन स्क्वायर गार्डेन [एमएसजी] पर रविवार को होनेवाली जनसभा में शामिल होने के लिए लोग किसी सीमा तक जाने को तैयार हैं। आलम ये है कि जिन लोगों को जनसभा का टिकट नहीं मिल सका है, वे लोग अब स्वयंसेवक बनने के लिए जुगाड़ भिड़ा रहे हैं। इस बाबत अटलांटा में रहने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर पलक जैन का कहना है, 'जब यहां स्वामी विवेकानंद आए थे, तो मैं नहीं थी। मैंने सरदार पटेल को भी नहीं देखा है। अब मैं अपने समय के भारत के महान नेताओं में शुमार नरेंद्र मोदी को देखने या उनका भाषण सुनने का मौका हाथ से गंवाना नहीं चाहती।'
इस कार्यक्रम के आयोजक भारतीय अमेरिकी समुदाय परिसंघ के मुताबिक, हफ्तों पहले सभी टिकट बिक जाने के बावजूद प्रतिदिन सैकड़ों पत्र, ईमेल और फोन कॉल आ रहे हैं। अमेरिका के अलावा कनाडा से भी लोग पूछताछ कर रहे हैं। मैरिलैंड निवासी डॉ. शंभु एन. बानिक 80 के दशक से इंदिरा गांधी, नरसिंह राव और अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान समारोहों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने भी अपनी जिंदगी में किसी दूसरे भारतीय नेता के प्रति ऐसी दीवानगी नहीं देखी है। मोदी की लोकप्रियता किसी रॉकस्टार जैसी हो गई है।
मोदी जब जनसभा को संबोधित करेंगे तो यह अमेरिकी इतिहास में पहला मौका होगा, जब किसी विदेशी शासनाध्यक्ष के सामने मैडिसन स्क्वायर गार्डेन खचाखच भरा हुआ रहेगा। आमतौर पर यहां किसी रॉकस्टार या खिलाड़ी का ही कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
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