शनिवार, 20 सितंबर 2014

भारतीय सरहद में फिर घुसे चीनी फौजी, पहाड़ी पर जमाया डेरा

लेह/नई दिल्ली। भारतीय सरहद पर चीन की लुकाछुपी जारी है।

गुरूवार देर रात अपने क्षेत्र में लौटे चीनी जवानों में से 35 शुक्रवार को फिर से भारतीय सीमा में घुस आए। सूत्रों के अनुसार, चीन के 35 फौजी लद्दाख के चुमार क्षेत्र में एक पहाड़ी पर कब्जा जमा बैठे।

दावा किया, यह इलाका चीन का हिस्सा है। इनके करीब 300 साथी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीनी सीमा में जमे हैं।

इनमें से कुछ सैन्य वाहनों पर हैं तो कुछ पैदल। चीन की इस हरकत को देखते भारतीय जवान भी उसी इलाके में रूक गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

रास्ता खोलने का विरोध
इस बीच, मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम के रास्ते नाथूला दर्रा से दूसरा रास्ता खोलने को लेकर चीन के साथ गुरूवार को हुए करार का उत्तराखंड में विरोध शुरू हो गया। प्रदेश के कुमायूं क्षेत्र में प्रदर्शन हुआ।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी विरोध जताया। रावत ने कहा, लोग मानसरोवर यात्रा पारंपरिक रास्ते से ही करना चाहते हैं, जो उत्तराखंड से होकर गुजरता है। सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ा नहीं जा सकता है। इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। प्रदेश में लोगों ने पीएम मोदी का पुतला भी फूंका।
Chinese soldiers again enter India
नाम गलत, गई नौकरी
दूरदर्शन पर एक कार्यक्रम में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का गलत नाम लेना एक एंकर को भारी पड़ गया। दरअसल एंकर ने शी जिनपिंग का नाम "इलेवन जिनपिंग" पढ़ दिया था।

वाकया बुधवार को दूरदर्शन पर एक कार्यक्रम के दौरान हुआ। शी जिनपिंग के नाम का शी रोमन में एक्सआई लिखा जाता है। एंकर गलती से इसे इलेवन पढ़ दिया था। दूरदर्शन के एक अधिकारी ने कहा, यह अक्षम्य अपराध है। एंकर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि उसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है।

लौटने लगे थे जवान
चुमार-डेमचोक में घुसपैठ का मुद्दा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में भी उठाया था। फिर भारतीय क्षेत्र में 11 दिन से जमे चीनी सैनिक गुरूवार रात पीछे हटने लगे थे। भारतीय फौजी भी पीछे हटने लगे थे।

मोदी को शियान बुलाया
इधर, तीन दिवसीय भारत यात्रा के बाद जिनपिंग शुक्रवार को बीजिंग लौट गए। यात्रा में निवेश, व्यापार, वाणिज्य, रेलवे को लेकर कई करार हुए। जिनपिंग ने मोदी को गृहनगर शियान आने का न्योता दिया है। टेराकोटा कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध शियान पर्यटक स्थल है।

1400 साल पूर्व भारत आए बौद्ध भिक्षु ह्वेन सांग ने अपनी जिंदगी का आखिरी वक्त यहीं बिताया था। इससे पूर्व जिनपिंग लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से मिले। वे भारतीय डॉक्टर द्वारकानाथ कोटनिस के परिजनों से भी मिले।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें