नई दिल्ली। भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता और पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह पिछले एक महीने से कोमा में हैं। उनके ठीक होने की आस में घरवाले कहते हैं कि उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है।
अपने घर में गिरने के बाद जसवंत सिंह को 9 अगस्त को दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था। तब से वह जीवनरक्षक उपकरणों पर हैं।
पति को निहारते निकल जाता है दिन
जसवंत सिंह की पत्नी शीतल सिंह आईसीयू के बाहर ही मौजूद रहती हैं। जब भी कोई डॉक्टर जसवंत को देखने आता है तो वह उससे एक ही सवाल करती हैं, अब कैसी है उनकी तबीयत?
जब कोई बाहर से जसंवत सिंह को देखने आता है तो परिवार के अन्य सदस्य उनसे मिलते हैं। शीतल बहुत कम बात करती हैं। उनका अधिकांश समय तो पति को आईसीयू के बाहर लगे कांच के दरवाजे से देखते ही गुजर जाता है।
"ठीक होने तक करेंगे इंतजार, चाहे कितना भी लगे समय"
पिता की देखभाल के लिए मानवेंद्र और भूपेंद्र दिन और रात बारी-बारी से आते हैं। कभी एक दिन में तो दूसरे रात में पिता के पास हमेशा मौजूद होेते हैं। डॉक्टरों के मुंह से कुछ ही शब्द निकलते हैं- गंभीर हैं, चिंताजनक, बहुत गंभीर हैं। लेकिन घरवालोे ने हिम्मत नहीं हारी है वो कहते हैं कि वह जल्दी ही ठीक हो जाएंगे।
मानवेंद्र सिंह की पत्नी चित्रा कहती हैं कि वे लोग तब तक इंतजार करेंगे जब तक कि वे कोमा से बाहर नहीं आ जाते हैं, चाहे इसमें कितना भी लंबा समय क्यों न लगे। उनकी हालत स्थिर है और शरीर उपचार का सकारात्मक संकेत दे रहा है।
मानवेंद्र सिंह ने कहा कि उनके पिता कोमा से बाहर आएंगे, वह कल कोमा से बाहर आ सकते हैं या फिर एक महीने बाद। उनको पूरी उम्मीद है कि उनके पिता ठीक हो जाएंगे।
जसवंत सिंह को विदेश में इलाज कराने या फिर बाहर के डॉक्टरों से उनके हालत के बारे में परामर्श लेने के सवाल पर चित्रा कहती हैं कि उनको पूरा भरोसा है कि बेहतर डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। अभी उनको यहां से कहीं और ले जाने की कोई योजना नहीं है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जसवंत सिंह की हृदय गति और ब्लड प्रेशर सामान्य है। उनकी मेटाबोलिक स्थिति भी सामान्य है। -
अपने घर में गिरने के बाद जसवंत सिंह को 9 अगस्त को दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था। तब से वह जीवनरक्षक उपकरणों पर हैं।
पति को निहारते निकल जाता है दिन
जसवंत सिंह की पत्नी शीतल सिंह आईसीयू के बाहर ही मौजूद रहती हैं। जब भी कोई डॉक्टर जसवंत को देखने आता है तो वह उससे एक ही सवाल करती हैं, अब कैसी है उनकी तबीयत?
जब कोई बाहर से जसंवत सिंह को देखने आता है तो परिवार के अन्य सदस्य उनसे मिलते हैं। शीतल बहुत कम बात करती हैं। उनका अधिकांश समय तो पति को आईसीयू के बाहर लगे कांच के दरवाजे से देखते ही गुजर जाता है।
"ठीक होने तक करेंगे इंतजार, चाहे कितना भी लगे समय"
पिता की देखभाल के लिए मानवेंद्र और भूपेंद्र दिन और रात बारी-बारी से आते हैं। कभी एक दिन में तो दूसरे रात में पिता के पास हमेशा मौजूद होेते हैं। डॉक्टरों के मुंह से कुछ ही शब्द निकलते हैं- गंभीर हैं, चिंताजनक, बहुत गंभीर हैं। लेकिन घरवालोे ने हिम्मत नहीं हारी है वो कहते हैं कि वह जल्दी ही ठीक हो जाएंगे।
मानवेंद्र सिंह की पत्नी चित्रा कहती हैं कि वे लोग तब तक इंतजार करेंगे जब तक कि वे कोमा से बाहर नहीं आ जाते हैं, चाहे इसमें कितना भी लंबा समय क्यों न लगे। उनकी हालत स्थिर है और शरीर उपचार का सकारात्मक संकेत दे रहा है।
मानवेंद्र सिंह ने कहा कि उनके पिता कोमा से बाहर आएंगे, वह कल कोमा से बाहर आ सकते हैं या फिर एक महीने बाद। उनको पूरी उम्मीद है कि उनके पिता ठीक हो जाएंगे।
जसवंत सिंह को विदेश में इलाज कराने या फिर बाहर के डॉक्टरों से उनके हालत के बारे में परामर्श लेने के सवाल पर चित्रा कहती हैं कि उनको पूरा भरोसा है कि बेहतर डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। अभी उनको यहां से कहीं और ले जाने की कोई योजना नहीं है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि जसवंत सिंह की हृदय गति और ब्लड प्रेशर सामान्य है। उनकी मेटाबोलिक स्थिति भी सामान्य है। -
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