नई दिल्ली: आज के समय में हर शख्स इंटरनेट पर एक्टिवेट है। लगभग हर व्यक्ति इंटरनेट का गूगल और सोशल मीडिया पर अकांउट है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद इंटरनेट पर मौजूद उसके अकाउंट का क्या होता है। इस खबर के जरिए आप यह जान सकेंगे कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद इंटरनेट पर उस व्यक्ति की वर्चुअल लाइफ का क्या होता है।
गूगल आपको "inactive account manager" नाम का एक टूल उपलब्ध करवाता है जिसकी मदद से आप मैनेज कर सकते हैं कि आपकी मौत के बाद आपके अकाउंट का क्या हो। आप जी मेल और गूगल प्लस अकाउंट पर एक टाइम लिमिट (6 महीने या 12 महीने) तय कर सकते हैं, जिसके बाद आपके अकाउंट का सारा डाटा ऑटोमेटिक्ली डिलीट कर दिया जाएगा। अगर आप चाहे तो किसी व्यक्ति को नॉमिनेट कर सकते हैं जो आपके मेल लिसीव करता रहेगा।
फेसबुक अपने किसी यूजर की मौत के बाद आपके किसी भी रिश्तेदार को आपके अकाउंट का एक्सेस नहीं देती। इसकी जगह आपके चाहने वाले फेसबुक से आपके अकाउंट को "memorialized" करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद फेसबुक उसके नाम को "people you may know" या suggesting friends की लिस्ट में नहीं दिखाता।
वही, ट्विटर पर किसी शख्स का डेथ सर्टिफिकेट दिखाने पर ट्विटर उस अकांउट को डिएक्टिवेट कर देता है। इसके अलावा कंपनी मरने वाले व्यक्ति से जुड़ी कुछ और जानकारियां भी मांगती है। सभी आवश्यक जानकारी देने के तीस दिन बाद ट्विटर उस अकाउंट को पर्मानेंटली डिएक्टिवेट कर देता है।
गूगल आपको "inactive account manager" नाम का एक टूल उपलब्ध करवाता है जिसकी मदद से आप मैनेज कर सकते हैं कि आपकी मौत के बाद आपके अकाउंट का क्या हो। आप जी मेल और गूगल प्लस अकाउंट पर एक टाइम लिमिट (6 महीने या 12 महीने) तय कर सकते हैं, जिसके बाद आपके अकाउंट का सारा डाटा ऑटोमेटिक्ली डिलीट कर दिया जाएगा। अगर आप चाहे तो किसी व्यक्ति को नॉमिनेट कर सकते हैं जो आपके मेल लिसीव करता रहेगा।
फेसबुक अपने किसी यूजर की मौत के बाद आपके किसी भी रिश्तेदार को आपके अकाउंट का एक्सेस नहीं देती। इसकी जगह आपके चाहने वाले फेसबुक से आपके अकाउंट को "memorialized" करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद फेसबुक उसके नाम को "people you may know" या suggesting friends की लिस्ट में नहीं दिखाता।
वही, ट्विटर पर किसी शख्स का डेथ सर्टिफिकेट दिखाने पर ट्विटर उस अकांउट को डिएक्टिवेट कर देता है। इसके अलावा कंपनी मरने वाले व्यक्ति से जुड़ी कुछ और जानकारियां भी मांगती है। सभी आवश्यक जानकारी देने के तीस दिन बाद ट्विटर उस अकाउंट को पर्मानेंटली डिएक्टिवेट कर देता है।
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