सिरोही। सिरोही का एक गांव लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है। सरकारी नौकरी में रूचि नहीं रखने वाले इस गांव के नौजवान, गांव में एक भी नाली नहीं होने के बावजूद ये गांव प्रदेश का आदर्श गांव है।
नशा नाश की जड़" आदर्श वाक्य सिरोही के एक-एक गांव में चरितार्थ हो रहा है। सिरोही के डूंगरी गांव में कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का नशा नहीं करता।
ये ही नहीं नशा करके आने वाले बाहरी लोगों को भी गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। पिंडवाड़ा तहसील का ये डूंगरी गांव जिलेभर में एक मिसाल बना हुआ है।
गांव की सड़कें सरपट दौड़ने वाली और साफ-सफाई चकाचक है। गांव में मेहमानों को भी व्यसन की अनुमति नहीं है।
पुलिस में एक भी मामला नहीं:
अनुशासन ऎसा है कि गांव से जुडे व्यक्ति का पुलिस में एक भी मामला दर्ज नहीं है। गांव के लोग खेती के अलावा सीमेंट फैक्ट्री में काम करते है।
कुछ लोग दिसावर में व्यवसाय करते है। लोगों की सरकारी नौकरी में ज्यादा रूचि नहीं है।
सरूपगंज थानाधिकारी ईश्वर पारीक ने बताया कि डूंगरी गांव में झगड़े-फसाद या किसी भी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है। गांव के गोचर में अन्य गांव के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाता।
एक भी नाली नहीं:
गांव में एक भी नाली नहीं है। प्रत्येक घर में एक सोखता गड्ढा है।
घरों में नहाने-धाने और मैला पानी गड्ढे में आता है जिसे जमीन सोख लेती है।
ऎसा करने से गंदगी भी नहीं होती और भूमि का जलस्तर भी बढ़ता है। गांव के हर घर में शौचालय मिलेगा।
नशा नाश की जड़" आदर्श वाक्य सिरोही के एक-एक गांव में चरितार्थ हो रहा है। सिरोही के डूंगरी गांव में कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का नशा नहीं करता।
ये ही नहीं नशा करके आने वाले बाहरी लोगों को भी गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। पिंडवाड़ा तहसील का ये डूंगरी गांव जिलेभर में एक मिसाल बना हुआ है।
गांव की सड़कें सरपट दौड़ने वाली और साफ-सफाई चकाचक है। गांव में मेहमानों को भी व्यसन की अनुमति नहीं है।
पुलिस में एक भी मामला नहीं:
अनुशासन ऎसा है कि गांव से जुडे व्यक्ति का पुलिस में एक भी मामला दर्ज नहीं है। गांव के लोग खेती के अलावा सीमेंट फैक्ट्री में काम करते है।
कुछ लोग दिसावर में व्यवसाय करते है। लोगों की सरकारी नौकरी में ज्यादा रूचि नहीं है।
सरूपगंज थानाधिकारी ईश्वर पारीक ने बताया कि डूंगरी गांव में झगड़े-फसाद या किसी भी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है। गांव के गोचर में अन्य गांव के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाता।
एक भी नाली नहीं:
गांव में एक भी नाली नहीं है। प्रत्येक घर में एक सोखता गड्ढा है।
घरों में नहाने-धाने और मैला पानी गड्ढे में आता है जिसे जमीन सोख लेती है।
ऎसा करने से गंदगी भी नहीं होती और भूमि का जलस्तर भी बढ़ता है। गांव के हर घर में शौचालय मिलेगा।
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