जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में पूर्व विधायक समेत तीन लोगों को सात साल का कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रूपए के जुर्माने की मंगलवार को सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जिले के जलालपुर क्षेत्र के कुसियां गांवनिवासी छेदीलाल ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरा भाई मोहन लाल अपनी पत्नी आशा देवी को लाने अपनी ससुराल जलालपुर क्षेत्र के मझगंवा कलां गांव गया। उसके दूसरे दिन पांच जून 1999 को उसका शव जलालपुर के पास मिला।
आरोप लगाया गया कि आशा देवी का अवैध सम्बन्ध पूर्व विधायक जगन्नाथ चौधरी से था इसलिए पूर्व विधायक, आशादेवी (मृतक की पत्नी) व बबना देवी ने मिलकर मोहनलाल की हत्या कर दी। पुलिस ने अदालत में आरोपपत्र भेजा।
जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) राधे श्याम यादव ने हत्या के आरोप में पूर्व विधायक जगन्नाथ चौधरी, मृतक की पत्नी आशा देवी व बबना देवी को सात साल का कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रूपए जुर्माने से दण्डित किया। तीनों आरोपियों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक जगन्नाथ चौधरी 1993 में सपा-बसपा के गठबंधन के समय बसपा के टिकट पर जौनपुर जिले के केराकत (सु) से विधायक चुने गए थे। इस समय वह किसी भी दल में नहीं हैं। -
अभियोजन पक्ष के अनुसार जिले के जलालपुर क्षेत्र के कुसियां गांवनिवासी छेदीलाल ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि मेरा भाई मोहन लाल अपनी पत्नी आशा देवी को लाने अपनी ससुराल जलालपुर क्षेत्र के मझगंवा कलां गांव गया। उसके दूसरे दिन पांच जून 1999 को उसका शव जलालपुर के पास मिला।
आरोप लगाया गया कि आशा देवी का अवैध सम्बन्ध पूर्व विधायक जगन्नाथ चौधरी से था इसलिए पूर्व विधायक, आशादेवी (मृतक की पत्नी) व बबना देवी ने मिलकर मोहनलाल की हत्या कर दी। पुलिस ने अदालत में आरोपपत्र भेजा।
जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) राधे श्याम यादव ने हत्या के आरोप में पूर्व विधायक जगन्नाथ चौधरी, मृतक की पत्नी आशा देवी व बबना देवी को सात साल का कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रूपए जुर्माने से दण्डित किया। तीनों आरोपियों को मंगलवार को जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक जगन्नाथ चौधरी 1993 में सपा-बसपा के गठबंधन के समय बसपा के टिकट पर जौनपुर जिले के केराकत (सु) से विधायक चुने गए थे। इस समय वह किसी भी दल में नहीं हैं। -
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