पटना। बिहार पुलिस ने जहानाबाद नरसंहार के मुख्य दोषियों में से एक शख्स को "जिंदा" गिरफ्तार कर लिया है। उसे 14 साल पहले मृत बताया गया था।
दोषी के बेटे ने पुलिस और कोर्ट के चक्कर से बचाने के लिए अपने पिता को मृत घोषित करा दिया था।
पटना के शास्त्रीनगर पुलिस ने विनय सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। वह 1980 में पारस बीघा गांव में हुए नरसंहार में दोषी है। वह 1999 से गिरफ्तारी से बचता फिर रहा था। उस दौरान सवर्णो और दलितों के बीच हुए संघर्ष में 13 दलितों की हत्या कर दी गई थी।
उस नरसंहार में विनय सिंह को 18 साल पहले आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। 1999 में उसे जेल से जमानत मिली लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं आया।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि विनय सिंह की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण उपलब्घि है। उसके बेटे ने पटना कोर्ट में कहा था कि वह अपने पिता का अंतिम स ंस्कार कर चुका है।
उस नरसंहार में 44 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें से 30 लोग दोषी पाए गए। -
दोषी के बेटे ने पुलिस और कोर्ट के चक्कर से बचाने के लिए अपने पिता को मृत घोषित करा दिया था।
पटना के शास्त्रीनगर पुलिस ने विनय सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। वह 1980 में पारस बीघा गांव में हुए नरसंहार में दोषी है। वह 1999 से गिरफ्तारी से बचता फिर रहा था। उस दौरान सवर्णो और दलितों के बीच हुए संघर्ष में 13 दलितों की हत्या कर दी गई थी।
उस नरसंहार में विनय सिंह को 18 साल पहले आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। 1999 में उसे जेल से जमानत मिली लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं आया।
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि विनय सिंह की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण उपलब्घि है। उसके बेटे ने पटना कोर्ट में कहा था कि वह अपने पिता का अंतिम स ंस्कार कर चुका है।
उस नरसंहार में 44 लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें से 30 लोग दोषी पाए गए। -
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