जोधपुर। बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण एवं हत्या प्रकरण की सुनवाई मे नया मोड़ आया है। आरोपी परसराम विश्नोई ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर सीबीआई के अनुसंधान और अभियोजन की कार्रवाई पर फिर सवाल उठाए है।
अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस मामले में जो एफआईआर बिलाड़ा पुलिस थाने मे दर्ज हुई थी, उसका अनुसंधान सीबीआई को सौंपा जाना संविधान के शिड्यूल 7 सूची 2 के प्रावधानों के विपरीत है। पुलिस राज्य सूची का विषय है, जिसके सम्बन्ध में संघीय सरकार या संघीय एजेन्सियों को कई क्षेत्राधिकारी प्राप्त नहीं है।
अत: संविधान के प्रावधान के विपरीत प्रकरण संघीय सरकार को सौंपा जाना संविधान विरूद्ध होने के कारण प्रथम दिवस से ही शून्य है। उनका यह भी कहना है कि सीबीआई का गठन केवल केन्द्रशासित प्रदेशों मे घटित अपराधों के अनुसंधान के लिए किया गया है।
इस प्रकार सीबीआई को राज्यों में रजिस्टर्ड एफआईआर के अनुसंधान का कोई क्षेत्राधिकारी प्राप्त नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य मे घटित अपराध के सम्बन्ध में संघीय सरकार के क्षेत्राधिकार को वर्जित बताया है। परसराम के सात बिन्दुओं के सवाल उठाया। -
अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस मामले में जो एफआईआर बिलाड़ा पुलिस थाने मे दर्ज हुई थी, उसका अनुसंधान सीबीआई को सौंपा जाना संविधान के शिड्यूल 7 सूची 2 के प्रावधानों के विपरीत है। पुलिस राज्य सूची का विषय है, जिसके सम्बन्ध में संघीय सरकार या संघीय एजेन्सियों को कई क्षेत्राधिकारी प्राप्त नहीं है।
अत: संविधान के प्रावधान के विपरीत प्रकरण संघीय सरकार को सौंपा जाना संविधान विरूद्ध होने के कारण प्रथम दिवस से ही शून्य है। उनका यह भी कहना है कि सीबीआई का गठन केवल केन्द्रशासित प्रदेशों मे घटित अपराधों के अनुसंधान के लिए किया गया है।
इस प्रकार सीबीआई को राज्यों में रजिस्टर्ड एफआईआर के अनुसंधान का कोई क्षेत्राधिकारी प्राप्त नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य मे घटित अपराध के सम्बन्ध में संघीय सरकार के क्षेत्राधिकार को वर्जित बताया है। परसराम के सात बिन्दुओं के सवाल उठाया। -
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