शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

फूलन देवी की हत्याकांड में शेर सिंह राणा दोषी

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फूलन देवी हत्याकांड में शेर सिंह राणा को दोषी करार दिया है, जबकि बाकी के 10 आरोपियों को बरी कर दिया है।
sher singh rana convicted in fulan devi murder case


पटियाला हाउस कोर्ट ने तेरह साल बाद इस मामले में फैसला सुनाई है। दस्यु सुंदरी से सांसद बनी फूलन देवी को 25 जुलाई, 2001 को दिल्ली के अशोक रोड पर दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था।

हत्या के आरोप में शेर सिंह राणा समेत 11 अभियुक्तों पर तेरह साल मुकदमा चला। पुलिस के मुताबिक शेर सिंह राणा ने उत्तर प्रदेश के बेहमई में 22 ठाकुरों की हत्या का बदला दस्यु फूलन देवी से लिया था।

फूलन देवी पर मारूति कार सवार शेर सिंह राणा ने गोली बरसाई थी, जिससे फूलन की मौत हो गई। रूड़की निवासी राणा ने हत्या के दो दिन बाद देहरादून में मीडिया के सामने आकर फूलन की हत्या कबूल की थी।

जेल से चकमा देकर भागा
शेर सिंह राणा साल 2004 में तिहाड़ जेल से भाग गया। राणा ने फर्जी पुलिस की मदद ली और कोर्ट में पेशी के बहाने जेल से आराम से निकल गया। इस मामले में जेल प्रशासन की किरकरी हुई।

अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाया
राणा की जेल में सुभाष ठाकुर व अन्य अपराधियों ने आर्थिक मदद की। जेल से भागने के बाद राणा पहले बिहार गया, वहां से फर्जी पासपोर्ट बनाया। वहां से नेपाल, बांग्लादेश, दुबई होते हुए अफगानिस्तान गया। वहां से वह पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाया ताकि ठाकुर बिरादरी में उसकी इज्जत बढ़ जाए।

इसके बाद वह कोलकाता आया और पुलिस ने 2006 में उसे गेस्ट हाउस से गिरफ्तार कर लिया। गाजियाबाद के पिलखुआ में राणा व उसकी मां ने एक मंदिर बनवाया है, जहां पर पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां रखी गई हैं।

जेल में रहकर चुनाव लड़ा
राणा हाल में उत्तर प्रदेश के जेवर से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गया। वह पांचवें नंबर पर आया था। यह चुनाव क्षेत्र जातीय समीरकरण के हिसाब से ठाकुर बाहुल्य है।

फिल्म भी बनाना चाहता है राणा
राणा की तमन्ना है कि उसके ऊपर फिल्म बने। राणा ने जेल में रहकर स्क्रिप्ट लिखी है। उसे फिल्म निर्माता की तलाश है।

फूलन के जीवन पर नजर
-फूलन देवी ने 1983 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
-1994 में ग्वालियर जेल से बाहर आईं।
-1996 में मुलायम सिंह सिंह यादव ने लोकसभा टिकट दिया।
-वह भदोही से चुनाव जीतीं।
-शेखर कपूर ने फूलन पर "बेंडिट क्वीन" फिल्म बनाई। इस फिल्म की रॉयल्टी के रूप में आज भी लाखों रूपए फूलन देवी ट्रस्ट मिलते हैं। -  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें