नई दिल्ली। बच्चों के सबसे चहेते कार्टून कैरेक्टर "चाचा चौधरी" और "साबू" को रचने वाले मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण कुमार शर्मा का निधन हो गया है।
प्राण का गुड़गांव के एक अस्पताल में बुधवार तड़के निधन हो गया। वह काफी समय से कैंसर से पीडित थे। उन्होंने 75 वर्ष की उम्र में अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
जीवन सफर
प्राण ने 1960 में दिल्ली के अखबार मिलाप में बतौर कार्टूनिस्ट अपना करियर शुरू किया था। 1960 में उन्होंने अपना पहला कार्टून बनाया। वह उस अखबार में कॉमिक स्ट्रिप "दाबु" बनाया करते थे।
उन्होंने बच्चों के दिलों पर राज करने वाले चहेते कार्टून कैरेक्टर "चाचा चौधरी" को 1969 में रचा था। ये कॉमिक कैरेक्ट उस दौर में काफी मशहूर हुआ। उन्होेंने यह कैरेक्ट हिंदी पत्रिका "लोटपोट" के लिए बनाया था। इस कार्टून कैरेक्टर से प्राण भी मशहूर हो गए।
देश में कॉमिक्स को लोकप्रिय बनाने के लिए उनको 1995 में "पीपल ऑफ द ईयर" का खिताब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से दिया गया।
उनके शानदार सफर को देखते हुए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट ने उनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
प्राण का गुड़गांव के एक अस्पताल में बुधवार तड़के निधन हो गया। वह काफी समय से कैंसर से पीडित थे। उन्होंने 75 वर्ष की उम्र में अपने जीवन की अंतिम सांस ली।
जीवन सफर
प्राण ने 1960 में दिल्ली के अखबार मिलाप में बतौर कार्टूनिस्ट अपना करियर शुरू किया था। 1960 में उन्होंने अपना पहला कार्टून बनाया। वह उस अखबार में कॉमिक स्ट्रिप "दाबु" बनाया करते थे।
उन्होंने बच्चों के दिलों पर राज करने वाले चहेते कार्टून कैरेक्टर "चाचा चौधरी" को 1969 में रचा था। ये कॉमिक कैरेक्ट उस दौर में काफी मशहूर हुआ। उन्होेंने यह कैरेक्ट हिंदी पत्रिका "लोटपोट" के लिए बनाया था। इस कार्टून कैरेक्टर से प्राण भी मशहूर हो गए।
देश में कॉमिक्स को लोकप्रिय बनाने के लिए उनको 1995 में "पीपल ऑफ द ईयर" का खिताब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से दिया गया।
उनके शानदार सफर को देखते हुए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट ने उनको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
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