जयपुर। राजस्थान लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार के खुलासों के बीच प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए एक और झटका देने वाली खबर है। मामला जून, 12 में आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा हुआ है।
परीक्षा परिणाम जारी होने के दो साल बाद अब इसकी उत्तर कुंजी और पेपर जारी किए गए हैं। इसमें पहली नजर में ही भारी गड़बडियां सामने आ रही हैं। कई सवाल ऎसे हैं जो कई जिलों के पेपर में दोहराए गए हैं।
ऎसे सवालों का अलग-अलग जिलों में अलग-अलग उत्तर माना गया है। जाहिर है कि इस आधार पर उत्तरपुस्तिका की जांच होने से गलत उत्तरों के अंक दिए हैं। पंचायती राज विभाग ने वेबसाइट पर 30 जुलाई से 8 अगस्त तक के लिए सभी छात्रों की ओएमआर शीट, सभी विषयों के प्रश्नपत्र व आंसर की जारी की है।
गलतियों के परिणाम में 2700 हो चुके हैं बाहर, अब हकीकत आई सामने
जून, 12 में 39000 पदों के लिए 33 जिलों में एक ही दिन परीक्षा हुई थी। तब अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र नहीं दिए थे। अगस्त, 12 में परिणाम जारी हुआ तो विरोध शुरू हो गए। मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा।
तब अगस्त, 13 में संशोधित परिणाम जारी हुआ था। इससे 2700 लोग नौकरी से बाहर माने गए थे। फिलहाल उन्हें उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश मिला हुआ है। जिस आंसर की के आधार पर संशोधित परिणाम जारी हुआ था उसे अब जारी किया है।
जिन अभ्यर्थियों को बाहर किया है उनका कहना है कि पूरे राज्य में सभी जिलों की उत्तर कुंजियों में गलतियों की भरमार है। मामले की जांच हो, तो पूरा परिणाम एक बार फिर से पलट सकता है।
बारां जिला परिषद के 2 जून को हुए पेपर में सवाल
मानसून का अर्थ क्या है?
उत्तर - बारां में : ऋतुएं
जालौर में : स्थलीय पवन
वी आकार की घाटी का निर्माण होता है?
उत्तर - बारां में : हिमखंड से
जालौर में : बोनस अंक दिए
बीदासर किस जिले में है?
उत्तर - बारां में : झुंझुनूं
जालौर में : चूरू
क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान का सबसे छोटा जिला ?
उत्तर - बारां में : दौसा
उदयपुर में : चूरू
और ये उत्तर गलत
भारत की तटीय रेखा की लंबाई है?
बारां में : सही उत्तर माना है 7000 जबकि तथ्यों में 6000 किलोमीटर सही है।
अधिकांश विषयों के उत्तरों में गलतियों की भरमार है। ऎसे कई प्रश्न हैं
यह पारदर्शिता है...
आयुक्त, पंचायती राज विभाग राजेश यादव ने कहा, हमने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए ही उत्तर कुंजी, ओएमआर शीट और प्रश्नपत्र ऑनलाइन किए हैं, क्योंकि इनके लिए राज्यभर में आरटीआई लग रही थी, अभ्यर्थी कोर्ट में जा रहे थे।
यह पारदर्शिता है। यदि उत्तरकुंजी में गलतियां होंगी तो अभ्यर्थी संबंधित जिला परिष्ादों में शिकायत कर सकते हैं, हम तथ्यों का अध्ययन कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। -
परीक्षा परिणाम जारी होने के दो साल बाद अब इसकी उत्तर कुंजी और पेपर जारी किए गए हैं। इसमें पहली नजर में ही भारी गड़बडियां सामने आ रही हैं। कई सवाल ऎसे हैं जो कई जिलों के पेपर में दोहराए गए हैं।
ऎसे सवालों का अलग-अलग जिलों में अलग-अलग उत्तर माना गया है। जाहिर है कि इस आधार पर उत्तरपुस्तिका की जांच होने से गलत उत्तरों के अंक दिए हैं। पंचायती राज विभाग ने वेबसाइट पर 30 जुलाई से 8 अगस्त तक के लिए सभी छात्रों की ओएमआर शीट, सभी विषयों के प्रश्नपत्र व आंसर की जारी की है।
गलतियों के परिणाम में 2700 हो चुके हैं बाहर, अब हकीकत आई सामने
जून, 12 में 39000 पदों के लिए 33 जिलों में एक ही दिन परीक्षा हुई थी। तब अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र नहीं दिए थे। अगस्त, 12 में परिणाम जारी हुआ तो विरोध शुरू हो गए। मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा।
तब अगस्त, 13 में संशोधित परिणाम जारी हुआ था। इससे 2700 लोग नौकरी से बाहर माने गए थे। फिलहाल उन्हें उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश मिला हुआ है। जिस आंसर की के आधार पर संशोधित परिणाम जारी हुआ था उसे अब जारी किया है।
जिन अभ्यर्थियों को बाहर किया है उनका कहना है कि पूरे राज्य में सभी जिलों की उत्तर कुंजियों में गलतियों की भरमार है। मामले की जांच हो, तो पूरा परिणाम एक बार फिर से पलट सकता है।
बारां जिला परिषद के 2 जून को हुए पेपर में सवाल
मानसून का अर्थ क्या है?
उत्तर - बारां में : ऋतुएं
जालौर में : स्थलीय पवन
वी आकार की घाटी का निर्माण होता है?
उत्तर - बारां में : हिमखंड से
जालौर में : बोनस अंक दिए
बीदासर किस जिले में है?
उत्तर - बारां में : झुंझुनूं
जालौर में : चूरू
क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान का सबसे छोटा जिला ?
उत्तर - बारां में : दौसा
उदयपुर में : चूरू
और ये उत्तर गलत
भारत की तटीय रेखा की लंबाई है?
बारां में : सही उत्तर माना है 7000 जबकि तथ्यों में 6000 किलोमीटर सही है।
अधिकांश विषयों के उत्तरों में गलतियों की भरमार है। ऎसे कई प्रश्न हैं
यह पारदर्शिता है...
आयुक्त, पंचायती राज विभाग राजेश यादव ने कहा, हमने अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए ही उत्तर कुंजी, ओएमआर शीट और प्रश्नपत्र ऑनलाइन किए हैं, क्योंकि इनके लिए राज्यभर में आरटीआई लग रही थी, अभ्यर्थी कोर्ट में जा रहे थे।
यह पारदर्शिता है। यदि उत्तरकुंजी में गलतियां होंगी तो अभ्यर्थी संबंधित जिला परिष्ादों में शिकायत कर सकते हैं, हम तथ्यों का अध्ययन कर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें