रावतभाटा। राजस्थान परमाणु बिजलीघर (आरएपीपी) की पांचवीं इकाई ने सोमवार को अमरीका के 739 दिन लगातार बिजली उत्पादन का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
दोपहर एक बजकर 56 मिनट पर 740 दिन प्रचालन करने पर आरएपीपी के नियंत्रण कक्ष में मौजूद वैज्ञानिक अधिकारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई।
नाभिकीय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक केसी पुरोहित ने बताया कि इकाई में 6 सितम्बर तक उत्पादन जारी रहेगा।
4125 मिलियन यूनिट उत्पादन
740 दिन प्रचालन कर इकाई ने 4 हजार 125 मिलियन यूनिट उत्पादन किया है। केन्द्र निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि राजस्थान परमाणु बिजलीघर देश के परमाणु रिएक्टरों में सबसे अधिक बिजली बनाने वाला संयंत्र बन गया है।
नियामक परिषद ने परखी क्षमता
लगातार उत्पादन कर रही पांचवी इकाई की उत्पादन क्षमता को 27 व 28 जुलाई को परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद की टोली ने परखा था और भारतीय तकनीक से बनाई गई इस इकाई की उत्पादन क्षमता व संरक्षा की सराहना की थी।
परमाणु एलीट क्लब में हो चुकी शामिल
3 जुलाई को आरएपीपी की पांचवीं इकाई 701 दिन लगातार बिजली उत्पादन कर विश्व परमाणु बिजलीघरों के एलीट क्लब में शामिल हो चुकी है। क्लब में अमरीका व कनाड़ा के तीन परमाणु बिजलीघर शामिल हैं, जो 700 दिनों तक लगातार उत्पादन का रिकॉर्ड बना चुके हैं।
टॉप फाइव में भी बनाया स्थान
पांचवीं इकाई के केन्द्र निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि यह इकाई दुनिया के दाबित भारी पानी रिएक्टरों और लाइट वाटर रिएक्टरों में लगातार प्रचालन में टॉप फाइव में भी स्थान चुकी है।
कनाडा की पिकरिंग की सातवीं इकाई 894 दिन प्रचालन कर पहले स्थान पर, कनाड़ा की ब्रुस की सातवीं इकाई 697 दिन प्रचालन कर तीसरे स्थान पर, अमरीका की केलवर्ड क्लीप इकाई दो 693 दिन प्रचालन कर चौथे और कनाडा की डालिंगटन इकाई तीन 687 प्रचालन के साथ पांचवें नम्बर पर है।
लाइट वाटर रिएक्टरों में अमरीका की लासेली इकाई एक 711 दिन और इकाई दो के नाम 739 दिनों के प्रचालन का रिकॉर्ड है। परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद ने इकाई को 6 सितम्बर 2014 तक चलाने की अनुमति प्रदान की है। -
दोपहर एक बजकर 56 मिनट पर 740 दिन प्रचालन करने पर आरएपीपी के नियंत्रण कक्ष में मौजूद वैज्ञानिक अधिकारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई।
नाभिकीय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक केसी पुरोहित ने बताया कि इकाई में 6 सितम्बर तक उत्पादन जारी रहेगा।
4125 मिलियन यूनिट उत्पादन
740 दिन प्रचालन कर इकाई ने 4 हजार 125 मिलियन यूनिट उत्पादन किया है। केन्द्र निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि राजस्थान परमाणु बिजलीघर देश के परमाणु रिएक्टरों में सबसे अधिक बिजली बनाने वाला संयंत्र बन गया है।
नियामक परिषद ने परखी क्षमता
लगातार उत्पादन कर रही पांचवी इकाई की उत्पादन क्षमता को 27 व 28 जुलाई को परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद की टोली ने परखा था और भारतीय तकनीक से बनाई गई इस इकाई की उत्पादन क्षमता व संरक्षा की सराहना की थी।
परमाणु एलीट क्लब में हो चुकी शामिल
3 जुलाई को आरएपीपी की पांचवीं इकाई 701 दिन लगातार बिजली उत्पादन कर विश्व परमाणु बिजलीघरों के एलीट क्लब में शामिल हो चुकी है। क्लब में अमरीका व कनाड़ा के तीन परमाणु बिजलीघर शामिल हैं, जो 700 दिनों तक लगातार उत्पादन का रिकॉर्ड बना चुके हैं।
टॉप फाइव में भी बनाया स्थान
पांचवीं इकाई के केन्द्र निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि यह इकाई दुनिया के दाबित भारी पानी रिएक्टरों और लाइट वाटर रिएक्टरों में लगातार प्रचालन में टॉप फाइव में भी स्थान चुकी है।
कनाडा की पिकरिंग की सातवीं इकाई 894 दिन प्रचालन कर पहले स्थान पर, कनाड़ा की ब्रुस की सातवीं इकाई 697 दिन प्रचालन कर तीसरे स्थान पर, अमरीका की केलवर्ड क्लीप इकाई दो 693 दिन प्रचालन कर चौथे और कनाडा की डालिंगटन इकाई तीन 687 प्रचालन के साथ पांचवें नम्बर पर है।
लाइट वाटर रिएक्टरों में अमरीका की लासेली इकाई एक 711 दिन और इकाई दो के नाम 739 दिनों के प्रचालन का रिकॉर्ड है। परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद ने इकाई को 6 सितम्बर 2014 तक चलाने की अनुमति प्रदान की है। -
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