ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित एक प्रसिद्ध निजी बोर्डिंग स्कूल में बिहार सरकार के एक मंत्री के पुत्र द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या के प्रयास का मामला शुक्रवार को सामने आया।
सूत्रों ने बताया कि कक्षा नवीं में अध्ययन करने वाले संबंधित छात्र को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसने 20 अगस्त को कथित तौर पर छात्रावास में फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की।
बताया गया है कि ग्वालियर के सिंधिया स्कल का छात्र शाम को होने वाली प्रार्थना सभा में नहीं पहुंचा। इसके बाद पड़ताल शुरू हुई और वह छात्रावास में पंखे पर लटका हुआ मिला। वह बिहार के एक मंत्री का पुत्र बताया गया है। उसे उतारकर तुरंत यहां एक अस्पताल में पहुंचाया गया।
स्थिति चिंताजनक होने पर उसे दिल्ली रवाना किया गया। फिलहाल वह वहां के एक नामी अस्पताल में भर्ती है। इस संबंध में सिंधिया स्कूल प्रशासन बात करने को तैयार नहीं हैं। दूरभाष पर बताया गया है कि प्राचार्य शहर से बाहर हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस कथित घटनाक्रम के बारे में उन्हें मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है। एक पुलिस अधिकारी से इस मामले में जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। वहीं कलेक्टर पी. नरहरि ने बताया कि उन्हें इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है।
मीडिया के माध्यम से खबरें आने पर जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि स्कूल में रैगिंग की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। संभव है कि इसी तरह की घटनाओं से परेशान होकर उसने कोई अप्रिय कदम उठाया हो। -
सूत्रों ने बताया कि कक्षा नवीं में अध्ययन करने वाले संबंधित छात्र को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसने 20 अगस्त को कथित तौर पर छात्रावास में फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की।
बताया गया है कि ग्वालियर के सिंधिया स्कल का छात्र शाम को होने वाली प्रार्थना सभा में नहीं पहुंचा। इसके बाद पड़ताल शुरू हुई और वह छात्रावास में पंखे पर लटका हुआ मिला। वह बिहार के एक मंत्री का पुत्र बताया गया है। उसे उतारकर तुरंत यहां एक अस्पताल में पहुंचाया गया।
स्थिति चिंताजनक होने पर उसे दिल्ली रवाना किया गया। फिलहाल वह वहां के एक नामी अस्पताल में भर्ती है। इस संबंध में सिंधिया स्कूल प्रशासन बात करने को तैयार नहीं हैं। दूरभाष पर बताया गया है कि प्राचार्य शहर से बाहर हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस कथित घटनाक्रम के बारे में उन्हें मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है। एक पुलिस अधिकारी से इस मामले में जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। वहीं कलेक्टर पी. नरहरि ने बताया कि उन्हें इस तरह के किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं है।
मीडिया के माध्यम से खबरें आने पर जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि स्कूल में रैगिंग की घटनाएं प्रकाश में आती रहती हैं। संभव है कि इसी तरह की घटनाओं से परेशान होकर उसने कोई अप्रिय कदम उठाया हो। -
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